Noor Alam Badshah

Doha, Qatar

मिसावट

नूर आलम बादशाह


चतुर व्यापारी बानी, बेचेनी हम चाउर.
अपना के निमन, दोसरा के समझेनि बाउर.

मसूली बिकाला बजार में, घर में पाकेला खूदी
मालूम ना काहे बिगड़ल, ऐतना जल्दी बूदी.

अपना के बड़का होशियार, दोसरा के समझेनी बागड़
दुनिया के आंख में धूरा झोंकेनी, मिलाके चाउर में आँकड़.

रेडियो से प्रचार करावेनी, कहके ऐकर बढ़िया बनाट
लोग छोरे जानऽता को केतना करेनी ऐमे हम मिसावट.

सब के धोखा देके बनल बानी बड़का व्यापारी.
हम जानऽतानी कि खाए के बेर लोग देत होई हमे गारी.

लोग के गारी बात के नईखे हमरा तनिको लाज.
हमेशा गारी सुनते बानी त काहे करी सरम आज.

हम साफा बानी बेसरम, काहे करी केहू के कहल.
ईहे आदत से त बा आज हमरा पास बड़का महल.

ऐसन व्यापार में जे कइलसि सरम ओकर फूटल करम.
पकड़ाईल त धजिया उड़ी ना त समझी पाकिट गरम.

चाउर व्यापार में ना लागी सब केहू से ऐसन कायदा.
ऐकरा चलते बाटै पेटचिरवा डाक्टर के भी खूबे फायदा.

देखऽ आज कईले बानी हम केतना तरक्की.
एमे जे उल्टा सिधा ना करे उ रहे हमेशा अनलक्की.

हमजानऽतानी जहिया होखि हम्मर परदाफाश.
ओहि दिन कतम हो जाई सारा नाफा के आश.

केहू कही थाना कचहरी, त केहू कही जेल भेजे के बात.
तब जा के हमर समझ में आई मिसावट के बात बात.


नूर आलम बादशाह,
मुकाम : कोतवाली ९, जमनिया बारा, नेपाल
हाल दोहा कतार से

email: noorzen@gmail.com