भउजी हो

भउजी हो!

आई, आजु त बड़ा दिन प आइल बानीं.

हँ भउजी, आजु बड़े दिन प आइल बानीं.

बात जिन बदलीं. हम बड़ा दिन बाद कहत बानी आ रउरा बड़ा दिन के बात करे लगनी.

त तूहूं भउजी, खरकोचऽ जिन. मिजाज असहीं लहकल रहऽता, तू अनेरे फेंटा जइबू.

बाप रे, एहिजा त मामिला बहुते बड़बड़ लागऽता. चलीं हम कुछ ना पुछब. आईं, बइठीं. केक बनवले बानी खा के देखीं कइसन बनल बा.

ई सब त चलत रही भउजी बाकिर बाकी काम कइसे चली?

वइसहीं जइसे चलत आइल बा.

खैर छोड़ऽ. बात त ठेरे बतियावे के रहल हा. हरियाणा के डीजीपी राठौर से लेके तेलंगाना मुद्दा तक. बाकिर चुल्हा का आग में सब जर बुता गइल.

कई बेर समुझा चुकल बानी. फेर समुझावत बानी दुनिया के चिंता में आपन जिनिगि मत खराब करीं. वइसहीं सुनत बानी कि दू साल बाद दुनिया खतम होखे वाला बा.

हँ भउजी. एक बेर साल साठो में खतम भइल रहे. ओकरा बाद स्काईओलैब से खतम होखे के हल्ला भइल रहे. एक बात जान लऽ. दुनिया कबो खतम ना होखी. असहीं चलत रही आ हमनी का बेमतलब बतकुच्चन करत रहब जा.