लालन-पालन

डा॰कमल किशोर सिंह

कहे फूलवा के माई,
ई समस्या सुलझाईं,
ना त दिहीं कुछ दवाई, हमरा बबुआ के!

शान्त दिनवा में सोवे,
रात काँय काँय रोवे,
कइसे सुतीं आ सुलायीं, अपना बबुआ के?

दूध गाय के पिअऽवनी,
सोया दूधो अजमऽवनी.
बाकि रुकल ना रुलाई, हमरा बबुआ के.

ओझा गुनी से देखऽवनी,
होमियोपैथी भी करऽवनी.
दिहनी गैस के दवाई, अपना बबुआ के.

कहनी सब समुझाईं
रउरा मत घबराईं.
दशा नइखे दुखदायी, रउरा बबुआ के.

सहज शिशु इ सुभाव,
एकरा दरद बा ना घाव.
गावऽ, झूलवा झुलावऽ, अपना बबुआ के.

जल्दिए हँसी खिलखिलाई,
फूलवा फुल अस फुलाई.
द ना व्यर्थ के दवाई, अपना बबुआ के.

सबले स्वस्थ आउर शुद्ध,
रउरा अँचरा के दूध.
दोसर दूध ना पिलाईं, अपना बबुआ के.

पुछली फुलवा के माई
तनी हमरा बताईं,
कवन टीका लगवाईं अपना बबुआ के?

सुनीं कहे कुछ लोग,
हो ता टीकवा से रोग.
कइसे राखीं हम निरोग, अपना बबुआ के?

कहनीं सब समुझाई,
समझ बुझ ना गँवाईं.
टीकवा सभे दिलवाईं अपना बबुआ के.

भइल जाँच पड़ताल,
मिलल नाहीं परमान,
खतरा नाहीं नुकसान, कवनो टिकवा से.

पोलियो, मीजल्स, डिप्थिरिया,
दोसर व्यापक बेमरिआ,
टीकवा करी धरहरिआ सब बेमरिआ से.


रिवरहेड, न्यूयार्क