Manir Alam
Doha, Qatar
मन के बात
मनिर आलम
मन के बात मन में ना राखऽ
कर दिल खोल के सबसे बात.
ए दुनिया में अब केहू ना दी साथ.
रहऽ दूर चाहे पास, सब के द साथ.
ना कर नादानी सबके बुझऽ बात.
बनके दोस्त सबके द अपन साथ.
जब सबके करब भलाई तब खइब मलाई.
जे ना करी भलाई, ऊ ना खाई मलाई.
मन के बात मन में, सब ईहें रह जाई.
देखऽ मन के चाँद, मन में निकल आई.
ना करऽ बुराई, करऽ सबकर भलाई.
तबे अपन समाज, तोहके दीहि मलाई.
अपन परवाह ना करऽ, सब के सूनऽ बात.
सब लोग फेर देवे लागी, अपने तोहके साथ.
जिनगी में बा ईहे सबसे अनमोल कमाई.
तू करबऽ अच्छाई, तोहके सब करी भलाई.
आपन मन खोलऽ, करऽ सबसे मन के बात.
घर, दोस्त, समाज, आ सच्चाई के दऽ साथ.
मनिर आलम,
इनरवामाल, हरनहिया, बारा, नेपाल
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