रामेश्वर प्रसाद वर्मा

आगि लागो, बजर पड़ो, आतंकवाद आईल बा.

आदमी के मारे खातिर, आदमी बउराईल बा.
आगि लागो, बजर पड़ो, आतंकवाद आईल बा.

छोटे छोटे बचवन के छूटि गईले माई बाप.
गाँधी के देश हउवे, कहतो में लागे लाज.
भईया के हथवा से रखिया हेराईल बा.
आगि लागो, बजर पड़ो, आतंकवाद आईल बा.

बहिना के दोली संग, कहाँ बाड़ै भाई आज ?
गउवाँ में छापा पड़ी, डर बा सभे के आज.
बहिनिया के डोली छोड़ि, भईयवा लुकाईल बा.
आगि लागो, बजर पड़ो, आतंकवाद आईल बा.

दिल्ली, गुजरात चाहे, यू पी, कर्नाटक राज.
बम विस्फोट कईके, नाचऽताटे नंगा नाच.
कईसन जेहाद ह ई , ईद निगिचाइल बा,
आगि लागो, बजर पड़ो, आतंकवाद आईल बा.

लईका रोवे गली गली, जवान खिसिन पीसे दाँत.
उजड़ल चमन हमार, रोवे भारत माता आज.
नवकी रे भउजिया के, मंगिया धोआईल बा.
आगि लागो, बजर पड़ो, आतंकवाद आईल बा.

दहशत फइलावे खातिर, जोर करे पाकिस्तान,
सीमा पर भाड़ काटे, भेजे आतंकी हजार.
आईल बा अंत ओकर, दिमाग गड़बड़ाइल बा,
आगि लागो, बजर पड़ो, आतंकवाद आईल बा.

मार खईलऽ बेरी बेरी, तबहूं ना लागे लाज,
अयूब से मुशर्रफ तकले , के नईखे खइले मार ?
बचिके ना जईबऽ, तोहार मउअत घहराइल बा.
आगि लागो, बजर पड़ो, आतंकवाद आईल बा.

आदमी के मारे खातिर, आदमी बउराईल बा.
आगि लागो, बजर पड़ो, आतंकवाद आईल बा.


रामेश्वर प्रसाद वर्मा,
द्वारा, मुक्ता डेण्टल लेबोरेटरी,
मालगोदाम एलआईसी रोड,
बलिया २७७ ००१
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