भउजी हो
भउजी हो
आईं. आईं ए हमार वेलेन्टाइन !
का भउजी, फगुआ चढ़ि गइल बा का ?
फागुन में फगुआ ना चढ़ि त कहिया चढ़ी ? बाकिर रउरा त बार बार भुलाइये जात बानी कि दुनिया में भउजाइओ बाड़ी.
ना ए भउजी. तोहरा के हम कबो ना भुला सकीलां. अलगा बाति बा कि आजुकाल्हु अतना अजुराइल बानी कि मउके नइखे मिलत.
हँ गाना त खूब सुनत बानीं नू. कुछ हमरो के गा के सुनइतीं.
हमार गाना सुनके त भीड़ो भाग जाई. खैर छोड़ऽ एह सब के. कुछ आउरी बताव.
सुननी हाँ कि बुश के भारत रत्न दिहल जाई.
हँ बुझात त इहे बा.
आ बाद में नवीनो चावला के दिहल जाई का ?
तू कहबू त उनुको के दे दिहल जाई.
ए बबुआजी, ई भाजपा वाला काहे कांग्रेस के चाल में फँसल जात बाड़े सन
मतलब ?
मान लीं कि नवीन चावला के हटा दिहल जाव त फेर एगो नया आयुक्त बहाल होखी. कुछ दिन में गोपालास्वामी रिटायर हो जइहन त उनुको जगहा बहाल करे के पड़ी. अगर अइसनका हो गइल त कुरेशी मुख्य चुनाव आयुक्त बन जइहन आ पूरा आयोग पर कांग्रेसे के बहाल कइल आयुक्तन के कब्जा हो जाई
हँ ए भउजी. ठीके कहत बाड़ू. एहले त नवीने चावला बढ़िया. पहिले जवन कइले होखसु अब त नइखन करत.