अभय त्रिपाठी

बनारस, उत्तर प्रदेश

 

पान खियाइके लूट लिहल हमके..

पान खियाइके लूट लिहल हमके..
कहे करेजवा तान के..
ए गोरिया रपट लिखा दऽ हमार..
अरे ए गोरिया रपट लिखा द हमार..

रपट लिखावे थाने गईलीं..
निकलल थानेदार हो..
जरा ईऽ तऽ कहा..
रपट लिखाईं कहाँ..
अरे ए थानेदार रपट लिखाईं कहाँ..
खुल के बता दऽ ओ रसिया..
रपट लिखाईं कहाँ..

जालिम जवानी दुश्मन हो गईल..
हो गईल अपना जान के..
जरा ईऽ तऽ कहा..
रपट लिखाईं कहाँ..

बरसेला बदरा भींगेला देहियाँ..
देखेला कनछी मार के
जरा ई त कहा..
रपट लिखाईं कहाँ..

पान खियाइके लूट लिहल हमके..
कहे करेजवा तान के..
ए गोरिया रपट लिखा दऽ हमार..
अरे ए गोरिया रपट लिखा द हमार..