अभय त्रिपाठी

बनारस, उत्तर प्रदेश

घटा घेरि घेरि आवेला बदरिया

घटा घेरि घेरि आवेला बदरिया पिया
बरसेला बुदरिया पिया ना---२.

बगिया नाच रहे मोर,
बरखा छाये चारु ओर,
सखी झूम झूम गावेली कजरिया पिया..
बरसेला बुदरिया पिया ना..

घटा घेरि घेरि आवेला बदरिया पिया
बरसेला बुदरिया पिया ना..

पिया गइले परदेश,
देके हमरा के ठेस,
नींद आवे नाही सूनी रे सेजरिया पिया.
बरसेला बुदरिया पिया ना..

घटा घेरि घेरि आवेला बदरिया पिया
बरसेला बुदरिया पिया ना

छेड़े बिरहा के तान,
पपीहरा बेईमान..
बैर साधे हमसे काली कोयरिया पिया,
बरसेला बुदरिया पिया ना..

घटा घेरि घेरि आवेला बदरिया पिया
बरसेला बुदरिया पिया ना..

डोले पुरुवा बयार,
करे मीत के पुकार..
हमरे जियरा के लागेला कटरिया पिया,
बरसेला बुदरिया पिया ना..

घटा घेरि घेरि आवेला बदरिया पिया,
बरसेला बुदरिया पिया ना..