अभय त्रिपाठी

बनारस, उत्तर प्रदेश

सबकर दिल दुखावे जा रहल बानी

हम सबकरा से एगो निवेदन करे जा रहल बानी,
मानऽ तानी सबकर दिल दुखावे जा रहल बानी.

मालिक लोग फुनगी पर बइठेला ईऽ मानि ले,
नीचे के नाम से नाराज हो जाला लोग जानि ले,
फुनगी के मजबूती जड में होला भूल जाला लोग,
उहे जड़ में पानी देबे के याद करावे जा रहल बानी
हम सबकरा से एगो निवेदन...

राउर चाहत हनुमानजी के तरह जेतने बढत जाई
भ्रष्टाचारी के मुँह सुरसा के तरह ओतने बढत जाई,
थपरी दुनो हाथ से बाजेला लोग भूलल बा शायद,
लोगन के ईहे जुमला याद करावे चाह रहल बानी,
हम सबकरा से एगो निवेदन...

हमरा ईऽ मिले के चाहीं ईऽ बात सबकरा याद बा,
कर्तव्य के बात भी जाने के चाही् हमार फरियाद बा,
प्यार खातिर समइये नईखे झगड़ा मे फसल बा लोग,
हम ईहे झगड़ा जड़ से मिटावे चाह रहल बानी,
हम सबकरा से एगो निवेदन...

बड़ छोट लोग के एक करे के नारा ईंहाँ आम बा,
बड़ लोगन के ईंहाँ बड़हन रंग में चमचमात बा,
बड़ लोगन के ईंहाँ आवे में ट्रेफिकिये जाम बा,
हम उहे ट्रेफिक हटावे के कोशिश कर रहल बानी,
हम सबकरा से एगो निवेदन...

हम सबकरा से एगो निवेदन करे जा रहल बानी,
मानऽ तानी सबकर दिल दुखावे जा रहल बानी.