उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत बोर्ड के कहना बा कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का लगे मध्यमा पाठ्यक्रम चलावे के अधिकारे नइखे एहसे ओहिजा से मिलल अंकपत्र आ प्रमाणपत्र मान्य ना होखी. को खारिज कर दिया है। बोर्ड ने इस संबंध में एक छात्र को यह कहकर वापस कर दिया कि विश्वविद्यालय को मध्यमा स्तर के पाठ्यक्रम संचालित करने का अधिकार ही नहीं है। परेशान छात्र ने विश्वविद्यालय प्रशासन से गुहार लगाई है।
दरअसल साल 2000-01 से राज्य में मध्यमा पाठ्यक्रम चलावे के अधिकार उप्र माध्यमिक संस्कृत बोर्ड का लगे चल गइल जबकि प्रदेश के बाहर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय आपन मध्यमा पाठ्यक्रम बदस्तूर जारी रखलस आ आजुओ चलत बा. एह कन्फ्यूजन से विद्यार्थी बहुते परेशानी झेलत बाड़ें.
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