बांसगांव की मुनमुन – 4
( दयानन्द पाण्डेय के बहुचर्चित उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद ) धारावाहिक कड़ी के चउथका परोस ----------------------------------------- ( पिछलका कड़ी अगर ना पढ़ले होखीं त पहिले ओकरा के पढ़ लीं.) एने…
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( दयानन्द पाण्डेय के बहुचर्चित उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद ) धारावाहिक कड़ी के चउथका परोस ----------------------------------------- ( पिछलका कड़ी अगर ना पढ़ले होखीं त पहिले ओकरा के पढ़ लीं.) एने…
- दयानन्द पाण्डेय के बहुचर्चित उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद धारावाहिक कड़ी के तिसरका परोस ( पिछलका कड़ी अगर ना पढ़ले होखीं त पहिले ओकरा के पढ़ लीं.) मुनमुन जइसे लक्ष्मी…
भोजपुरी के पहिलका वेबसाइट होखला का नाते ई हमार जिम्मेदारी होखे के चाहीं कि हम भोजपुरी के विकास आ बढ़न्ती ला हर संभव सहजोग करीं. एही उद्देश्य से आजु से…
- सुभाष पाण्डेय (एक) डेढ़ कोस दउरे के ताकत, सइ जोजन के राह, मनवाँ, बड़ा कठिन निरबाह। दुख दरियाव पीर पगडंडी सड़क कुटिलई काँट कहीं प्रीति के प्याऊ लउके उहवों…
- शैलेन्द्र पाण्डेय शैल (एक) संउसे उमिर जियान भइल का गजल कहीं जियले बिपति के खान भइल का गजल कहीं। चाहत पियार इश्क के चक्कर बुरा चलल चोटहिल बड़ा परान…
(दयानन्द पाण्डेय के बहुचर्चित उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) धारावाहिक कड़ी के दूसरका परोस ----------------------------------------- पहिलका कड़ी अगर ना पढ़ले होखीं त पहिलो ओकरा के पढ़ लीं.) गिरधारी राय के…
- अशोक कुमार तिवारी (एक) बैर बेलि जे उपजल भाई-भाई में, जइहैं दूनो जने जरुरे खाई में । नीक-जबून कहे से पहिले सोच लिहीं, जनि बोलीं कुछऊ कबहूँ अकुताई में।…
- हीरालाल ‘हीरा’ सुर साधीं तऽ लय बिगड़े, बे-ताल के बनल तराना बा। जिनिगी गावल बहुत कठिन बा, उलझल ताना-बाना बा।। केतना अब परमान जुटाईं,अपना त्याग, समरपन के, अरथहीन अब…
मथैला पढ़ि के माथ घूमत होखे त घुमावले हमार मनसा बा. काहे कि आजु हम कुछ तीख परोसे जा रहल बानी. पूरा पढ़ि के देखीं आ सोचीं कि हमरा बाति…