भोजपुरी उपन्यास बनचरी के विमोचन
मुम्बई का विले पार्ले स्थित “नवीन भाई ठक्कर सभागार” में “अभियान” संस्था का सहयोग से आयोजित ‘सबरंग फिल्म स्टार सम्मान…
मुम्बई का विले पार्ले स्थित “नवीन भाई ठक्कर सभागार” में “अभियान” संस्था का सहयोग से आयोजित ‘सबरंग फिल्म स्टार सम्मान…
– डा॰ अशोक द्विवेदी फजीर होते, भीम आश्रम से निकलि के सीधे जलाशय का ओर चल दिहलन. माता के प्रातः…
– डा॰ अशोक द्विवेदी अइसे त प्रकृति के एक से बढ़ि के एक अछूता, अनदेखा मनोहारी रूप ओह विशाल बनक्षेत्र…
– डा॰ अशोक द्विवेदी स्नान-पूजा का बाद जब कुन्ती अनमनाइल मन से कुछ सोचत रहली बेटा भीम का सँगे बाहर…
– डा॰ अशोक द्विवेदी एगो विशाल बटवृक्ष का नीचे पत्थर शिला खण्ड का टुकड़न से सजाइ के एगो चबूतरा बनावल…
– डा॰ अशोक द्विवेदी सोझा बन के कुछुए भीतर एगो बड़का झँगाठ फेंड़ का ऊपर से दू गो आँख ओनिये…
– डा॰ अशोक द्विवेदी भयावह आ भकसावन लागे वाला ऊ बन सँचहूँ रहस्यमय लागत रहे. जब-तब उहाँ ठहरल अथाह सन्नााटा…
– डा॰ अशोक द्विवेदी गंगा नदी पार होत-होत अँजोरिया रात अधिया गइल रहे. दुख आ पीरा क भाव अबले ओ…
दुर्गम बन पहाड़न का ऊँच-खाल में जिए वाला आदिवासी समाज के सहजता, खुलापन आ बेलाग बेवहार के गँवारू, जंगलीपना भा…
मशहूर हिन्दी साहित्यकार दयानंद पाण्डेय के लिखल हिन्दी उपन्यास “लोक कवि अब गाते नहीं” भोजपुरी भाषा, ओकरा गायकी आ भोजपुरी…
(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) बीसवाँ कड़ी में भोजपुरी के दुर्दशा पर लोक कवि…