एगो के बुड़बक दोसरका के बताह

राजनीतिओ गजब के रचना रचेले. आ एह हर रचना के मीडिया का जरिए अतना बढ़ा-चढ़ा के पेश क दीहल जाला कि बाद में सुने-देखे-पढ़े वाला सोचियो ना पावे कि एह…

चिहुँकला आ चउँकला के फरक

भउजी हो ! का बबुआ ? आजु के सवाल का बा ? चार राज्य के चुनाव त हो गइल बाकिर तेलंगाना अबहीं बाकी बा. से चुनाव से जुड़ल सवाल त…

डायन आ पनौती में कवनो आ का फरक होला

भउजी हो ! का बबुआ ? डायन आ पनौती में कवनो आ का फरक होला ? बहुते टीवी देखे लागल बानी का ? देखीं बाकिर हो सके त राजनीतिक झकाझूमरी…

फैसला आ इंसाफ के मामिला के फैसला भा इंसाफ कइसे होखी – (बतकुच्चन – 208)

एगो वेबसाइट के नाम हवे – जस्ट इन जस्टिस. डॉटकॉम कि डॉटइन एकरा में पड़े के जरुरत नइखे. मतलब त बस जस्ट–इन–जस्टिस से बावे. त ओकरा के देखनी त मन…

राड़ आ राँड़ के गठबन्हन – बतकुच्चन (207)

देश के राजनीति समुझे बाला एहघरी परेशान बाड़ें. उनुका बुझात नइखे कि हो का रहल बा. एही अझूराहट में हमहूं बानी. कि राड़ आ राँड़ के गठबन्हन कइसे भइल आ…

उल्था आ उलटबाँसि (बतकुच्चन – 206)

आजु ढेर दिना बाद बतकुच्चन लिखे बइठल बानी. करीब पाँच बरिस पहिले हर हफ्ता एगो बतकुच्चन लिखल मजबूरी जइसन रहत रहे. काहें कि कलकत्ता (आजु के कोलकाता) से छपे वाली…

संघी चाल में अझूरा गइल तबलीगी जमात

एकरा पहिले कि रउरा आगे पढीं साफ क दीहल जरुरी बा कि ई उलटबाँसि ह, एकरा के सीरियसली लिहला के जरुरत नइखे. देश के सिकूलर, लिबरल, पत्तलकार, विपक्ष सभे एह…

हारब त हारब बाकिर तोहरा के जीते ना देब : बतंगड़ – 104

हिन्दुवन के कमजोरी ह कि ऊ जीव हत्या पसन्द ना करसु. इहां ले कि जे मांसभक्षी होला उहो अपना सोझा काटल पसन्द ना करे. जे काटेला ऊ झटका में काटेला…

बरियार चोर सेन्हे पर बिरहा गावे : बतंगड़ – 103

वइसे त गोस्वामी तुलसीदास लिख गइल बानी कि समरथ के नहीं दोष गुसाईं बाकिर जमाना बदलल त कहाउतो बदलबे करी आ अब के कहाउत ई बा कि बरियार चोर सेन्हे…

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