अरविंद ‘अकेला’ के काव्य संग्रह ‘अँजुरी भरि गीत’ के लोकार्पण

पिछला दिने गोरखपुर मेें भोजपुरी संगम के तत्वाधान मेें अरविंद ‘अकेला’ के काव्य संग्रह ‘अँजुरी भरि गीत’ का लोकार्पण डॉ.आद्या प्रसाद द्विवेदी के अध्यक्षता आ डॉ.फूलचंद प्रसाद गुप्त के संचालन…

नाहीं लउके डहरिया के छोर – कविता संकलन

– लाल बहादुर सिंह पंडित दयाशंकर तिवारी जी द्वारा के लिखल कवितन के संकलन वाली पुस्तक “नाहीं लउके डहरिया के छोर” के लोकार्पण, विमोचन के उत्कृष्ट कार्यक्रम पूरा होखते हमरा…

भोजपुरी काव्य संग्रह – नाहीं लउके डहरिया के छोर – के भव्य लोकार्पण

पिछला 15 नवम्बर 2023 के मऊनाथ भंजन, मऊ के हिन्दी भवन में वरिष्ठ कवि पंडित दयाशंकर तिवारी के भोजपुरी काव्य संग्रह “नाहीं लउके डहरिया के छोर” के भव्य लोकार्पण-समारोह पूर्वांचल…

“जय भोजपुरी – जय भोजपुरिया” परिवार के सलाना महोत्सव

“जय भोजपुरी – जय भोजपुरिया” परिवार के सलाना भोजपुरी साहित्यिक आ सांस्कृतिक महोत्सव 22 नवंबर 2023, दिन बुधवार के भोजपुरी के धाम अमही मिश्र, भोरे, गोपालगंज में होखे जा रहल…

देस, समाज आ सन्धिदूत…

– डॉ अशोक द्विवेदी ‘‘पहिले में आ आजु में एगो मूलभूत अन्तर ई आइल बा कि अतीत में,अत्याचार के नायक होत रहे. पृथ्वी पर संत्रास – शोषन के वातावरण लउके…

हम त हदऽसिए गइल रहीं कि पाती कवना दिशा के बोध करावत बिया

आजु व्हाट्सअप पर सूचना मिलल कि भोजपुरी दिशाबोध के पत्रिका पाती का तरफ से एगो सजीव प्रसारण होखे जा रहल बा. चेता त दीहल रहुवे कि एह कार्यक्रम में श्री…

लाजे भवे बोलसु ना आ सवादे भसुर छोड़सु ना

भोजपुरी के पहिलका वेबसाइट होखला का नाते ई हमार जिम्मेदारी होखे के चाहीं कि हम भोजपुरी के विकास आ बढ़न्ती ला हर संभव सहजोग करीं. एही उद्देश्य से आजु से…

भोजपुरी भाषा के सरकारी उपेक्षा आ अन्याय का खिलाफ भोजपुरियन के आवाज

हिन्दी भाषा परिवार में बड़की बहिन होखला का बावजूद भोजपुरी भाषा के जवन सरकारी उपेक्षा हो रहल बा ओह अन्याय का खिलाफ रहि रहि के भोजपुरियन के शिकायत भरल आवाज…

बदलत समय आ ‘‘पाती’’ के सउँवाँ अंक

बदलत समय में हमनी का संग, देश-समाज खातिर सोच-विचार आ ‘मत’ के जबर्दस्त द्वन्द चल रहल बा. देसवे ना, बलुक दुनिया में ई द्वन्द आपुसी खेमाबाजी आ आक्रामकता के हद…

ओरहन का पाग में यादों की गठरी

(पुस्तक समीक्षा) डॉ आशारानी लाल के लिखल उनुका दाम्पत्य जीवन के यादगारन के आत्मकथात्मक किताब यादों की गठरी पढ़े के मिलल त लाख चहला का बादो एके बेर में ना…

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