नाहीं लउके डहरिया के छोर – कविता संकलन

by | Dec 21, 2023 | 0 comments


– लाल बहादुर सिंह

पंडित दयाशंकर तिवारी जी द्वारा के लिखल कवितन के संकलन वाली पुस्तक “नाहीं लउके डहरिया के छोर” के लोकार्पण, विमोचन के उत्कृष्ट कार्यक्रम पूरा होखते हमरा सौभाग्य से ई पुस्तक हमरो प्रसाद के रूप में मिल गइल.

आदरणीय साहित्यसेवी अउर श्रेष्ठ पाठकजन, जबे हमरा हाथ में कवनो पुस्तक आवेले त हमार छोटहन कलम अपनाआपे मचले लागेले ओकरा बारे में हमार भाव रउरा सभे के पहुँचावे ला. बाकिर “नाहीं लउके डहरिया के छोर” पुस्तक के लोकार्पण समारोह में उपस्थित प्रो. वशिष्ठ अनूप (हिन्दी विभाग बी.एच.यू.) सहित अनेके वक्तन के एह उत्कृष्ट पुस्तक का बारे में कइल अनूठा आ अद्भुत सकारात्मक टिप्पणियन से हमरो मन कर गइल कि हम एकर रसास्वादन तुरते कर डाली.

अपना के तृप्त करे ला हम एह पुस्तक के साहित्यिक रसास्वादन कई बेर क लिहनी तबहियों इहे लागल कि क्षुधा शांत नइखे भइल, एक बे अउर ! अब एह पुस्तक का बारे में हम आपन आकलन रउरा सभे का सोझा परोसत बानी.

प्रो. वशिष्ठ अनूप जी रचनाकार के बहुते नियरा ले रहनी जब उहाँ का कहनी कि – ग्रामीण पृष्ठभूमि के एह संग्रह से पहिलहुँ तिवारी जी के तीन गो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकल बाड़ी सँ. तिवारी जी के गीतन में साधु-संतन जइसन समर्पण बा. लय छंद के बेहतरीन समझ का चलते इहाँ के लिखल गीत गावे-गुनगुनावे लायक बाड़ी सँ.

ओहिजे पुस्तक के पीठिका लिखे वाला डाॅ अशोक द्विवेदी (सम्पादक “पाती”) जी के कहना बा कि – तिवारी जी के पुस्तक “नाहीं लउके डहरिया के छोर” के रचनासभ स्वाभाविक, सुपरिचित भाषाई-बुनावट वाला होखला का कारण प्रसंगानुकूल स्मृति-चित्रन आ उपमा से सजल बाड़ी सँ. तिवारी जी के रचनन में नियति के मार आ मानव मूल्यन के अवमूल्यन के फिकिर लउकेला. त ओहिजे कठिन कर्मपथ पर चलला से उपजल पसीना आ अँसुवन से लथर-पथर करेजा छूअत गीतो बाड़ी सँ.

आ हमरो समझ ई बतावल चाहत बा कि साहित्यिक संत दयाशंकर तिवारी जी के रचनन के पढ़ला से साहित्यिक संचेतना का संगही सांस्कृतिक चेतना आ मानवीय संवेदननो के विकास होखी.

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अँजोरिया के भामाशाह

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यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 11 गो भामाशाहन से कुल मिला के छह हजार सात सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


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सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


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