नकभेसर कागा ले भागा

– बिनोद सिंह गहरवार फगुआ एगो अजबे किसीम के तेवहार ह. जसहीं घाम में गर्मी आवेला कि सभे के चेहरा प ललाइ छा जाला. सूखलो काठ में पचकी फूटे लागेला.…

तिसरको वादा पूरा होखे का राह पर

भारतीय जनसंघ से ले के भारतीय जनता पार्टी बने ले एह गोल के तीन गो खास वादा हमेशा जनता का सोझा रहल कि – 1) संवैधानिक तरीका से भा सहमति…

भोजपुरिया समाज के बदलत तेवर

– भगवती प्रसाद द्विवेदी भोजपुरिया समाज शुरुए से कबो ना थाके वाली मेहनत, जीवटता, संघर्षशीलता आ अपना दम-खम आउर बल-बेंवत का बदउलत मन माफिक मुकाम हासिल करे खातिर जानल जाला।…

ओरहन का पाग में यादों की गठरी

(पुस्तक समीक्षा) डॉ आशारानी लाल के लिखल उनुका दाम्पत्य जीवन के यादगारन के आत्मकथात्मक किताब यादों की गठरी पढ़े के मिलल त लाख चहला का बादो एके बेर में ना…

जबले हरियरी रही, कजरी गवात रही

– डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल चाहे शहर होखे भा गाँव आ गाँव में त अउरी, सावन के महीना आवते शुरू हो जाला लइकन के कबड्डी, खो-खो, चीका आ फनात के…

अस्तित्व संकट से जूझत भोजपुरी बियाह गीत के परंपरा

– डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल एहमें कवनो संदेह नइखे कि लोकसाहित्य में लोकगीत के जगह सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण बाटे. जनजीवन में एकरा व्यापक प्रचार के स्वीकार करत राधावल्लभ शर्मा जी…

नवहियन के अपराधी बनावे में लागल सरकार

सगरी नवहियन के अपराधी बनावे में लागल सरकार. कवनो लइकी शिकायत कर देव कि ई आदमी भा लईका हमरा के घूरत रहुवे त ओह आदमी के जमानतो ना हो पाई.…

बलात्कार, बेहूदगी, आ बकतूत

पिछला दिने दिल्ली में चलत बस में एगो लड़िकी से झुण्ड में बलात्कार कइला का बाद ओकरा के मरल जइंसन हालत में बस से फेंकद दिहल गइल. ओह लड़िकी के…

पाती के अंक 62-63 (जनवरी 2012 अंक) से – 3

सामयिकी आधी आबादी के बदलत चेहरा – ‍आस्था जिनिगी में, हार, असफलता आ पीछे छूटि गइल आम बात हऽ. सपना पूरा ना भइल त एकर मतलब ई ना हऽ कि…

मनोमस्तिष्क स्वस्थ राखे के तरीका

आजु हमनी सभे जानत आ मानत बानी कि देह के निरोग रखला के कवनो विकल्प नइखे. ऊ त रखही के बा. बाकिर अतने से काम नइखे चले वाला हमनी का…

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