भोजपुरी में दुनिया के पहिलका वेबसाइट अंजोरिया (https://anjoria.com) के हमेशा कोशिश रहेला कि रउरा सोझा भोजपुरी के अंजोर पक्ष परोसत रही. कुछ नाबदान के कीड़ा भोजपुरी के बदनाम करे में लागल रहेलें आ कहेलें कि भोजपुरी गीत-गवनई में अश्लीलता बहुते बेसी बा. असल में ओह लोग के उहे मिलेला जवना के ऊ लोग खोजत रहेला. हम त हमेशा से भोजपुरी गीत-गवनई के प्रशंसा करत रहेनी काहे कि हमरा विचार से आजु ले दुनिया में भोजपुरी के जियवले राखे में एकरा गीत-गवनई के योगदान सबले बेसी आ रेघरियावे जोग बा. एकर मतलब ई ना कि भोजपुरी साहित्य के बाकी विधा के अनदेखी करत बानी. भोजपुरी में जतना साहित्य बा आ जतना नियमित रुप से रोजे रचा रहल बा ऊ अथाह बा. दुर्भाग्य बा त बस इहे कि चूंकि हिन्दी वालन का साजिश का चलते भोजपुरी के भारत में ऊ जगहा ना मिल पावल जवना के ऊ जमाना से हकदार रहल बिया. एह चलते भोजपुरी रोजी रोजगार के भाषा ना बन सकल. एक त भोजपुरी पढ़े में आवे वाल दिक्कत का चलते आ दोसरे आर्थिक कठिनाइयन का चलते अइसन कवनो प्रकाशन ना बन सकल जवन देशव्यापी होखे आ जवना के पाठक लाख-करोड़ में होखसु. भोजपुरी के आजीविका के भाषा बनावे के कोशिश में भोजपुरी सिनेमा आ गीत-गवनई बहुते बड़ काम कइलसि. बहुते लोग एह दुनू माध्यमन से आपन आजीविका चलावत बाड़न. भोजपुरी सिनेमा के लोकप्रियता आ एकर बाजार देख देश के हर इलाका के निर्माता-निर्देशक भोजपुरी फिलिम बनावे में आगे अइलन बाकिर भाषाई एकरुपता आ ठेठ भोजपुरी के कमी का चलते ऊ लोग बहुत आगे ना बढ़ सकल. दोसरा भाषा के निर्मातन के लोग बेवकूफ बना के आपन माल त काट लिहलसि बाकिर भोजपुरी के विकास का राह में काँट छीट दीहल.
21 बरीस से ई भोजपुरी वेबसाइट चलावत बानी बाकिर मुश्किल से दसो गो पाठक नइखन जवन एहिजा रोजाना आवत होखसु. भोजपुरी लिखनिहार प्रकाशन खातिर भेज ना पावसु काहे कि ओह लोग का लगे जरूरी तकनीकि प्रवीणता नइखे. आ पढ़निहार आवेलें त जरूर, अबहीं ले नाहियो त करीब पचीस लाख लोग अंजोरिया पर आ चुकल बा, बाकिर पता ना काहे टिक ना पावसु. आदत नइखे कि आपन शिकवा-शिकायत भा प्रशंसा एकरा पन्ना पर अपना टिप्पणी में दीहल करसु. एह चलते हमरा पते ना चले कि रउरा का पसन्द आवत बा आ का नापसन्द. मजबूरन हम उहे परोसत रहिलें जवन हमरा समुझ में आवेला.
अब अतना भूमिका का बादो अगर रउरा एह पन्ना पर बनल बानी त ओकरा पाछे स्वस्ति पाण्डेय के गवनई सुने के मन होखी. बिहार के आरा जिला के आवेवाली स्वस्ति पाण्डेय अमेरिका के कैलिफोर्निया में भोजपुरी गीत-गवनई, संस्कृति आ संस्कारन के पसार करे में लागल रहेली.
संगीत के समर्पित साधिका आ गुरू होखलस का के साथ ही स्वस्ति पाण्डेय दर्शन शास्त्र में स्वर्ण पदक से सम्मानित हई. आध्यात्म आ आत्ममंथन इनका जीवन शैली में शामिल बा. भोजपुरी, संस्कृत अउर हिंदी के गूढ़ पकड़ आ अपना माटी के मोह इनका के नैसर्गिक रूप में मिलल बा.
स्वस्ति पाण्डेय के गवनई में से कुछ चुनिन्दा बिआह गीतन में से छह गो एह संग्रह में शामिल बा. माड़ो, द्वार पूजा, मटकोड़, कन्यादान, माड़ो खोलाई आ बिदाई का बेरा गावे जाला भोजपुरी गीतन के आनन्द लीं सभे. नीक लागे त एह पोस्ट के अपना फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, ह्वाट्सएप पर अपना मित्र मण्डली में शेयर कर के भोजपुरी खातिर आपनो कुछ कर्तव्य निबाहीं. आर्थिक सहजोग दे सकीं त ऊ बहुते बड़ बात होखी बाकिर अतना सहज सहजोग त करिए सकिलें रउरा –
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