अरविंद ‘अकेला’ के काव्य संग्रह ‘अँजुरी भरि गीत’ के लोकार्पण

by | Mar 18, 2024 | 0 comments

पिछला दिने गोरखपुर मेें भोजपुरी संगम के तत्वाधान मेें अरविंद ‘अकेला’ के काव्य संग्रह ‘अँजुरी भरि गीत’ का लोकार्पण डॉ.आद्या प्रसाद द्विवेदी के अध्यक्षता आ डॉ.फूलचंद प्रसाद गुप्त के संचालन में हनुमंत नगर, पादरी बाजार में कइल गइल.

एह मौका पर अन्तर्राष्ट्रीय गायक राम दरश शर्मा अरविंद ‘अकेला’ के लिखल एह मार्मिक गीत केे दिलकश गायन क के सुनवलेें-
“केहू के दु:ख नाहीं पहुंँचे, तहरे बोली से,
बिटिया धीरे से उतरिहऽ तूँ डोली से”

पुस्तक पर चरचा करत कवि आ पत्रकार हृदयानंद शर्मा के कहना रहे कि एह संग्रह के कवितन में समाज के विसंगतियों पर सबल प्रहार कइल गइल बा.

त्रिलोकी नाथ त्रिपाठी ‘चंचरीक’ कहलन कि ‘अकेला’ के कविताई पारिवारिक विघटन अउर झूठ के पसरत विषदंत का खिलाफ आत्मा से निकलल आवाज जइसन बाड़ी सँ.

इं.राजेश्वर सिंह 101 कवितन केे सुंदर संकलन ला अेकेला’ के बधाई देत उनुकर रचनात्मक निरंतरता केे मंगलकामना कइलन.

विशिष्ट अतिथि आर.के.भट्ट ‘बावरा’ के कहना रहल कि अकेला केे कवित्त प्रेम अउर संवेदना केे गहराई में डूब केे रचल गइल भावुक अउर आत्मिक प्रस्तुति बाड़ी सँ.

मुख्य अतिथि चंदेश्वर ‘परवाना’ कहलन केे पहलवानी काया का भीतर एगो सुकोमल गीतकार के मिलल सुखद आश्चर्य देला. अकेला के गीतन में ठेठ भोजपुरी के सुंदर आ समर्थ शब्दन केे मजबूती से स्थापित कइल गइल बा. भोजपुरी कविता के विविध विधन में ‘अकेला’ के सार्थक दखल इनका गायक व्यक्तित्वो केे उजागर करेेलेे.

अध्यक्षता करत डॉ.आद्या प्रसाद द्विवेदी कहलन कि अकेला के गीत गांव, परिवार, समाज, राजनीति, देश-प्रेम, बुढ़ापा आ बचपन सहित अनेकेे संवेदनशील भावना केे गहराई से निकललेे बिया.

एह दौरान ‘अकेेला’ केे लिखल गीत –
पिया परदेसे, भेजें चिट्ठियो न पाती राम,
केसे-केसे कहीं, सहीं केहि भाँती राम।
गा केे युवा कवि अश्विनी द्विवेदी ‘नमन’ अपना गायकी सेे माहौल भावुक बना दिहलन.

रामकोला से आइल गोविंद राव केे सिफारिश रहल कि भोजेपुरी के समर्पित अइसन कार्यक्रमन केे बारंबार पुनरावृत्ति होखे केे चाहीं. साथही भोजपुरी के एकाधिकार वाला अइसन शब्दन का ओर सबकर ध्यान ले गइलन जवना शब्दन के सटीक विकल्प हिंदी भा दोसरा भाषावन मेें खोजले ना मिले.

लोकार्पण कार्यक्रम में रवीन्द्र मोहन त्रिपाठी, वीरेंद्र मिश्र ‘दीपक’, बागेश्वरी मिश्र ‘वागीश’, चंद्रगुप्त वर्मा ‘अकिंचन’, ओम प्रकाश पांडेय ‘आचार्य’, अवधेश शर्मा ‘नंद’, अरुण ‘ब्रह्मचारी’, राम नरेश शर्मा ‘शिक्षक’, सुभाष चंद्र यादव, सृजन ‘गोरखपुरी’, सुधीर श्रीवास्तव ‘नीरज’, प्रेमनाथ मिश्र, डॉ.अजय ‘अंजान’, गोपाल दुबे, सूरज राम ‘आदित्य’ अजय यादव नरेंद्र शर्मा अउर भीम प्रसाद प्रजापति सहित सैकड़ो साहित्यकार अउर साहित्य प्रेमी उपस्थित रहलेे.

आखिर मेें आभार ज्ञापन संयोजक कुमार अभिनीत कइलन.

(सृजन गोरखपुरी के हिन्दी रपट के भोजपुरी अनुवाद)

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