आगे पढ़े से पहिले ईहो जानत चलीं कि एह किताबन का बिक्री से अंजोरिया के कवनो कमीशन भा शुल्क नइखे मिले वाला, मिली बस एगो आत्म संतोष कि भोजपुरी ला कुछ करत बानीं.
भोजपुरी के प्रकाशकन के बतावल चाहत बानी कि अपना हर नया प्रकाशन, भा अपना पत्रिका के गाहक बने वाला लिंक हमरा के भेजल करीं. ओकरा के प्रकाशित भा अँजोर करे खातिर कवनो शुल्क भा कमीशन नइखे देबे के.
भोजपुरी के पोढ़ लिखनिहार भगवती प्रसाद द्विवेदी जी के एगो किताब के लिंक नीचे दीहल जा रहल बा. किताब ह –

‘भोजपुरी के अनमोल रतन’

भोजपुरिया इलाका के माटी में आलस भा आसरा के परिपाटी नइखे रहल. ई आगि, फाग, राग का साथ ही सर पर पगड़ी बान्हि के ताल ठोंके वाला जवानन के पोसल करेले, एहिजा के बाँकुरा देश-दुनिया में हर वेष में मिल जालें. भगवती प्रसाद द्विवेदी जी के एह किताब में भोजपुरी इलाका के सपूतन पर एगो बड़हन संकलन कइल गइल बा.
ई किताब अमेजन पर उपलब्ध बा. दाम बावे दू सौ पचपन 255 रुपिया. खरीदे खातिर नीचे का लिक पर जाईं –
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