एक दिन बिक जायेगा माटी के मोल खातिर राजकपूर एक हजार रुपिया दिहले रहले

by | Oct 1, 2013 | 0 comments

मजरुह सुल्तानपुरी के जनमदिन 01 अक्तूबर पर खास

महान शायर आ गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी के उनकर लिखल गीत “एक दिन बिक जायेगा माटी के मोल” खातिर शोमैन राजकपूर एक हजार रुपिया दिहले रहले.

पचास के दशक में अपना वामपंथी रुझान का चलते मजरूह के जेल जाए पड़ल रहे आ दू साल जेल में रहला का चलते उनकर माली हालत खराब हो गइल रहे. राजकपूर उनकर सहायता कइल चहले बाकिर मजरुह सहायता ना लिहले.

तब राजकपूर उनका से एगो गीत लिखे के कहले आ मजरूह सुल्तान पुरी “एक दिन बिक जायेगा माटी के मोल” लिख के दिहले जवना खातिर राजकपूर एक हजार रुपिया दिहलन आ साल 1975 मे अपना फिलिम “धरम करम” में एह गीत के इस्तेमाल कइलन.

उत्तरप्रदेश के सुल्तानपुर शहर मे एक अक्तूबर 1919 के जनमल इसरार हसन खाँ उर्फ मजरुह सुल्तानपुरी के पिता सिराजुल हक खाँ सब इस्पेक्टर रहलन आ ऊ मजरूह के खूब पढ़ावल चाहत रहले. मजरूह लखनऊ के तकमील उल तीब कॉलेज से यूनानी पद्धति के मेडिकल परीक्षा पास क के हकीमी करे लगलन.

बचपने से शेरो शायरी के शौकीन मजरूह सुल्तानपुरी अक्सर मुशायरो मे हिस्सा लेत रहले आ उनुका बहुते नाम आ शोहरत मिले लागल रहे. एहपर उ आपन हकीमी छोड शेरो.शायरीए पर पूरा समय देबे लगलन.

एही दौरान उनकर भेंट मशहूर शायर जिगर मुरादाबादी से भइल आ उनुके सलाह पर मजरूह सुल्तानपुरी हिंदी फिलिमन ला गीत लिखे खातिर राजी हो गइले. साल 1946 मे रिलीज “शाहजहां” खातिर मजरूह सुल्तानपुरी नौशाद के संगीत निर्देशन मे आपन पहिला गीत लिखले. नौशाद उनुका के एगो धुन सुना के ओही धुन पर गीत लिखे के कहलन आ मजरूह लिखले “जब उनके गेसू बिखराये. बादल आये झूम के”.

मजरूह सुल्तानपुरी के महत्वपूर्ण योगदान खातिर साल 1993 मे उनका के फिलिमी दुनिया के सबले बड़हन सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजल गइल. मजरूह सुल्तानपुरी पहिला गीतकार रहलन जिनका ई पुरस्कार मिलल.
साल 1964 मे रिलीज फिलिम “दोस्ती” खातिर लिखल गीत “चाहूंगा मै तुझे सांझ सवेरे” खातिर मजरुह के सर्वश्रेष्ठ गीतकार के फिल्म फेयर पुरस्कार मिलल रहे.

मजरूह सुल्तानपुरी चालीस साल से अधिका के अपना सिनेमा कैरियर मे लगभग 300 फिलिमन ला लगभग 4000 गीत रचले. अपना गीतन से सुनेवालन के भावविभोर करे वाला ई महान शायर 24 मई 2000 के एह दुनिया क अलविदा कह गइल.

मजरूह सुल्तान पुरी के गीतन के लमहर फेहरिस्त मे “तू कहे अगर जीवन भर मै गीत सुनाता जाऊ”, “बाबूजी धीरे चलना”, “जाने कहां मेरा जिगर गया जी”, “माना जनाब ने पुकारा नही”, “छोड दो आंचल जमाना क्या कहेगा”, “है अपना दिल तो आवारा”, “जलते है जिसके लिये तेरी आंखो के दिये”, “सुनो मेरे बंधु रे सुनो मेरे मितवा”, “बार बार देखो हजार बार देखो”, “ख्वाब हो तुम या कोई हकीकत”, “इन्ही लोगो ने ले लिना दुप्पटा मेरा.पिया”, “तू अब तो आजा”, “मीत ना मिला रे मन का”, “हमे तुमसे प्यार कितना ये हम नही जानते”, “पापा कहते है बड़ा नाम करेगा” वगैरह गीत शामिल बाड़ी सँ.

(वार्ता का सौजन्य से)

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