देश में जब चारो ओर घोटाला आ बेहयाई के बाजार गरम बा तब चुनाव आयोग आयकर विभाग से कहत बा कि चुनाव में करिया धन के इस्तेमाल पर पूरा नजर राखे आ हवाई अड्डा, स्टेशन हर जगहा चौकसी बरतल जाव जेहसे कि नगदी धन एने से ओने मत जाव. अरे भाई आयकर विभाग अतने लायक रहीत त अतना करिया धन कहाँ से पैदा होखित ? उहो त एही व्यवस्था के जीव हउवें. पानी में रहि के घड़ियाल से दुश्मनी करे के बेवकूफी काहे करीहे. जवना नेता के पकड़ीहे ऊ त छूट जाई पकड़े वाला के जीवन दुश्वार हो जाई. खैर चुनाव आयोग के सलाह कहीं भा आदेश, ओकरा के मनबे करीहे आयकर वाले आ जतना हो सकी ओतना करबे करीहे. बाकिर जवन सरकार चावला आ थामस जइसन अधिकारियन के प्रोत्साहित करत होखे ओह सरकार में केहू दोसर राह काहे चली ?
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