काल्हु पटना में भोजपुरी सिनेमा के पचास साल पूरा होखला का मौका पर तीन दिवसीय कार्यक्रम का पहिलका दिने भोजपुरी के पहिलका फिल्म “गंगा मईया तोहे पियरी चढ़इबो” देखावल गइल जवना के देख के दर्शक पुरनका जमाना में हेरा गइलें. बाद में भोजपुरी सिनेमा के इतिहास पर आयोजित सेमिनार में पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज, भोजपुरी फिल्म अभिनेता कुणाल सिंह़ फिल्म समीक्षक आलोक रंजन, भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी त्रिपुरारी शरण़, कथाकार ऋषिकेश सुलभ, फिल्म समीक्षक शंकर प्रसाद़, लालबहादुर ओझा, आ अविनाश दास संबोधित कइलें आ भोजपुरी के विशालता के वर्णन कइल गइल. कहल गइल कि समुद्र मंथन का तरह एही से जहरो निकलत बा आ अमृतो निकली. धीरज धइला के काम बा.
श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में लोक संगीत के धारो बहल जब पद्म विभूषण पंडित छन्नू लाल मिश्र आ पद्मश्री शारदा सिन्हा अपना शानदार संगीत प्रस्तुति से श्रोता लोग के मन जीत लिहले. सांस्कृतिक कार्यक्रम के उद्घाटन बांका के सांसद पुतुल देवी कइली.
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