– बिनोद सिंह गहरवार
जाह दिन शराब घोटाला के अछरंग में जेल में बन कट्टर ईमानदार आदमी के देश के सबसे बड़का इजलास से राहत मिलल त हमरा बुझाइल कि पुरनिया साँचो कहत रहन कि हाकिम के मन आ दरियाव के पानी के कवनो ठीक ना ह, कब केने फिर जाई.
जसही हाकिम के दिमाग फिरल सरीफ आदमी आपन सराफत देखावे लागल. देखाई काहे ना? इ कहाँ के सराफत ह कि केहू बिना पुछले-पछले केहु के घरे आ जाई. आ अइलऽ त ठीक बा आदमी लेखा बइठऽ. चाह-पानी मिली. बाकिर दनदनाइल केहु के चुहानी अमाए लगबऽ, ओकरा कनिया के घर में ढ़ुके लगबऽ त भाई तू लात-जूता खइबे करबऽ. चाहे तू कतनो आपन काहे ना होखऽ.
जसही लात-जूता चलल कि चारो ओर एकर चरचा होखे लागल. सभे महिला …. महिला ….. महिला के माला जपे लागल. लोग अइसे चिचिया रहल बा जइसे कि एह देश में इ पहिले पहिल भइल होखे. एही से उत्तर परदेश के बबुआ एह ममिला में समुझदारी से काम ले के पतरकारन से कहलन – एने केजरीवाल आ ओने मालीवाल! एह लोग के आपुस के ममिला बा तू लोग हई बाइसकोप लेके बेकार नू बवाल कइले बाड़ऽ. इयार-इयारिन के झगड़ा, बीच पड़े से लबारा! देश में एहु से बड़-बड़ ममिला बा.
हमरा बुझाला बबुआजी ठीके कहत बारन. उनकर बाबुओ जी इ खेल गेस्ट हाउस में करवा के इतिहास में अमर हो गइल बाड़न. ओकरा आगु त ई एकदमे छोट मोट ममिला बा. आ एक लेखा सोची त जे पेयार करेला ओकरा डाटहुँ के अधिकार होला कि ना! एही से दु-चार लात बाजिए गइल त हमरा समुझ से एकरा के तील के ताड़ बनावल ठीक नइखे. ठीक-बेठीक हमनी के कहिये के का करब. बुड़बक मुए पराए फिकिरे! एह खातिर थाना-पुलिस नइखे? कोट-कचहरी नइखे? हाकिम नईखे? ऊ त लोग के चुनाव में परचार के नाम प जमानत देइए देता. जो भाई तोरा जवन-जवन मन करे कर. के रोके वाला बा? रोकबो करी त ममिला हमरे भीर नु आई. फेर ते कहिहे कि बिधान सभा चुनाव बा. हाकिम कवनो होखसु उनका छोड़ही के पड़ी. काहे से कि सरह लाग गइल बा. आ भारत में सरह लगला के देर बा फेर त लोग रसातल के राहे बहे लागेला.
आच्छा त हम अब जातानी चुनाव के समय बा. कवन ठीक हाकिम कवनो के नॉमिनेशन करे खातिर छोड़ देसु आ ऊ आ के हमरे से हाथा-पाही करे लागे. जवन रोगिया के भावे से बैदा फरमावे!
जय राम जी की!
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