चांसो बाईचांस ना मिले

by | Oct 30, 2014 | 0 comments

jayanti-pandey

– जयंती पांडेय

अचके रामचेला आ के कहले बाबा लस्टमानंद से कि हो बाबा जानऽ तारऽ ई मोदी सरकार जे बा नऽ से झूठहुं हाला मचवले बा कि महंगी कम हो गइल, लेकिन सांचो महंगी कम कहां भइल बा. जवन एक दूगो चीज के दाम घटल बा ऊ तऽ चांस हऽ बस. बाबा झुंझुआ गइले आ कहले, जबसे मोदी भाई के सरकार बनल बा तबसे कई लोगन के पेट में पानी नइखे पचत. जबे देखऽ तबे ऊ लोग मोदी सरकार के आ ओकर काम के पानी पी पी के कोसऽता लोग. अब देखऽ ई कवनो बात भइल कि लोग सुतत-बइठत कहऽत रहे कि ई मुई महंगी घटते नइखे. अब जब महंगी कम हो गइल आ उहो दिवाली के ठीक पहिले तऽ लोग माने के तैयार नइखे कि अच्छा दिन आ रहल बा. अतने ना इहो कहऽता लोग कि महंगी तऽ अपने से घट गइल हऽ. बेकारे सरकार आपन पीठ ठोक रहल बिया.

रामचेला कहले, बाबा अर्थशास्त्र हम पढ़ल बानी अपना इस्कूल के दिन में. ई बतावऽ कि सरकार के कवन अइसन काम बा जेह से महंगी घट गइल. ऊ तऽ यूक्रेन के उपरवांती हो के रूस आ अमरीका लड़ पड़ल लोग आ तेल के दाम घट गइल. ई महंगी तऽ बाईचांस घट गइल.

बाबा कहले, राम चेला देखऽ, तूं मोदी भाई के कामयाबी से जरऽतारऽ. ई बतावऽ कि बाईचांस खाली बाईचांसें हो जा ला. अगर होखे के रहित तऽ मनमोहन काका के जमानो में दू एक बार होखित कि ना. मोहनो काका के जमाना में रूस रहे, अमरीको रहे आ यूक्रेनो रहे लेकिन ओकनी के मामला कबो ना फंसल. कबो टंटा ना भइल. अब मोदी जी के किस्मत से ओकनी का भिड़ गइले सन तऽ का होई. पीठिया तऽ उनही के ठोकाई. रामचेला चांसो बाईचांस ना होला. अब जहां ले करे के सवाल बा रामचेला तुंहुं पुरनका जमाना में बाझल बाड़ऽ. अरे ऊ जमाना अलग रहे जब कहल ना जात रहे खाली कइल जात रहे. अब कइला से बेसी जरूरी कहल बा. ना कहबऽ तऽ बुरबक कहइबऽ. अब बोलले के जमाना बा. मुंह से बोल के फोन आ कम्प्यूटर चल जाऽताऽ तऽ आदमी के नेतागीरी काहे ना चली. अरे ऊ जमाना नइखे कि चुप्पा बोलता के हराई अब तऽ जेतने बड़हन बोलता होई ऊ सबके हरा दी, जान गइलऽ राम चेला. आ सरकार जे बा ऊ बोलता आ तूं हारऽ तारऽ काहे कि तूं ओतना ना बोलऽ पइबऽ.


जयंती पांडेय दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. हईं आ कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर से प्रकाशित सन्मार्ग अखबार में भोजपुरी व्यंग्य स्तंभ “लस्टम पस्टम” के नियमित लेखिका हईं. एकरा अलावे कई गो दोसरो पत्र-पत्रिकायन में हिंदी भा अंग्रेजी में आलेख प्रकाशित होत रहेला. बिहार के सिवान जिला के खुदरा गांव के बहू जयंती आजुकाल्हु कोलकाता में रहीलें.

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(3)


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(4)

18 जुलाई 2023
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सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
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(11)

24 अप्रैल 2024
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