बदलाव के बयार

by | Aug 12, 2015 | 1 comment

jayanti-pandey

– जयंती पांडेय

पसेना से नहाइल रामचेला हाँफत हाँफत बाबा लस्टमानंद के लगे चहुँपले. सस्टांग दंडवर कइके आशीर्वाद लिहला के बाद रामचेला कहलन, गुरू आजकाल्हु गउवों में बदलाव के बयार बड़ा तेजी से बहऽता..

लस्टमानंद पुछलन, काहे? का हो गइल? समय के साथे हर चीज बदल जाला. बदलाव संसार के नियम हवे, एहमें परेशान होखे ला का बा?
रामचेला कहलें, गुरू पहिले बिआह होत रहे बड़ा मजा आवो. लौंडा के नच से ले के मरजाद ले बिआह में रहे में बड़ा मजा आवो. एतने ले ना, बेटिहा किहांं जब बारात चहुँपे आ जनवासा में लउन्डा के नाच होखे त बुढ़उवो लोग मजा लेबे में पीछे ना रहत रहुवे. लउन्डवो सब नाचते नाचत बुढ़ऊ लोग के अंचरा ओढ़ावे लागे आ बुढ़ऊ बाबा ईया के पइसा देत होखो चाहे ना, लउन्डवन के जरूर दे देस. तिलक आ बिआह में पात में भूईंया बइठ के खइला के आपने आनंद रहुवे. जेकर दुआर जेतना बड़ ओकरे ओतने बड़ हैसियत रहे. बड़का लोग किहाँ त एगो पांत में हजार आदमी ले खा लेत रहलन बाकिर अब सभे व्यस्त हो गइल बा. बिआह में मरजाद त दूर अब साँझी खा बारात जा ता आ राते में खा के लवद आव ता.

भूईंया बइठ के पांत में खाए वाला सिस्टम के साथे पूड़ी तरकारी आ दही चिउरो खतम हो गइल. अब त का कहता लोग बुफे सिस्टम में खिआवे के. पता ना ई बुफे सिस्टम कहवां से आइल बा लेकिन एह सिस्टम में खाए वाला लोग लाज हया घोर के पी गइल बा. ससुर होखे चाहे भसुर, ओ लोग के सामनहीं कनिया लोग प्लेट में चम्मच हिलावत चपर चपर मुंह चलावऽता लोग. एह बुफे में बड़ छोट के लिहाज नइखे रह गइल. केहु केहू के सामने कवनो तरह खा लेता. दही चिउरा के जगहा अब चाउमीन, पनिर, डोसा, इडली अउरी का का कचकच खा ता लोग. अब रउए बताईं ई नवका रहन आ पेट अउरी चालढाल दुनू के निगलत जात बा, कि नां ?

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1 Comment

  1. Ashok Dvivedi

    जइसन संस्कार सभ्यता तइसन रहन-चाल ।जीन्स आ स्कर्ट वाला नवका संस्कार के हड़बड़ी में ई कवनो अचरज क बात नइखे ।समय का सँग सन्दरभो बदलेला ;फेर आदमी काहे ना बदली ? हमन भोजपुरिहा हर काम में आगा बानी जा ।हर खास के आम में बदले क जल्दी बा हमनी के अब ऊ खास फिट होखे भा अनफिट !

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अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 11 गो भामाशाहन से कुल मिला के छह हजार सात सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


पूरा सूची


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सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


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