सांसद लोग के कुश्ती लड़े के चाहीं

by | Mar 6, 2013 | 0 comments

– जयंती पांडेय

रामचेला बड़ा चिंता में आ के बाबा लस्टमानंद के बतवलें, हो बाबा, सुनऽतारऽ ओलम्पिक से कुश्ती जइसन मर्दानगी वाला आपन देसी खेल हटावल जा ता. ई बात दोसर बा कि २२ नया खेल के शामिल करे खातिर कुछ पुरान खेल हटावल जा रहल बा. लेकिन ई त अपना देस के खेल हऽ आ एकरा के हटवला से हमनी के भावना के चोट लागी.

बाबा कहले, सुनऽ सबसे बड़हन बात बा कि हमरा देस के ई खेल क ओर कवनो दोसर देस के धेयान नइखे. हमरा देस के नेता लोग कवनो अइसन काम नइखे करत जेहसे कुश्ती की ओर दुनिया के धेयान जाउ. अपना देस के सांसद लोग के चाहीं कि दुनिया के धेयान खींचे खातिर उ लोग लंगोटा बान्ह के अखाड़ा में कुश्ती लड़े. जे सांसद लोग लड़े लागी त एह से कुश्ती के पोपुलरिटी बढ़ी आ एगो अउरी फायदा ई होखी कि संसद के भीतर लड़ला भिड़ला के ऊ लोग के मनसो पूरा हो जाई त संसद के काम ठीक से चली. एही के कहल जाला कि एक पंथ दू काज. कुश्ती के पापुलरिटी बढ़ी आ संसद के काम काज शांति से चली. ई जान ल कि कई गो सांसद त पहलवान रहल बा लोग आ ऊ लोग के पुरान धोबियापाट अबहीं भुलाइल ना होई. ऊ लोग के त कम से कम आगे आ के हमरा बात में आपन आवाज मिलावे के चाहीं. आखिर उहो लोग के त कुछ फर्ज होला.

अतने में झगरू पहलवान आ गइले. उहो कबो अखाड़ा में अँखड़स लेकिन अब गठिया हो गइला के वजह से अईंठत चलऽतार. बुझाला कि कवनो खास तरह के नाच के रेयाज करऽतारे. अपना हालत से उबिया के राजनीति के अखाड़ा में कूद पड़ल बाड़े. झगरू पहलवान के लस्टमानंद के ई प्रस्ताव बड़ा नीक लागल. ऊ ई प्रस्ताव ले के कई गो नेता लोग से भेंट कइले. ओह में से कई जाना भुतपूर्व पहलवान रहे लोग. ऊ लोग के विचार रहे कि अच्छा रहीत कि राजनीतिक पार्टी आपस में कुश्ती लड़ के फैसला क लीत के केकर सरकार बनी. एहसे सरकार के पइसो बचित आ पुलिस के परेशानीओ ना होइत.

लस्टमानंद के विचार रहे कि ई प्रस्ताव नेता लोग के मान लेबे के चाहीं काहे कि अलग अलग देस के नेता लोग अलग अलग काम के बढ़ावा देबे का इरादा से ना जाने का का करेला.. कुश्ती के बचावे खातिर का ऊ लोग अतनो ना कर सके. सांसद आ पहलवान लोग में कुश्ती के आयोजन से जवन आमदनी होई ओह से कुश्ती के बढ़ावा देबे के काम कइल जा सकेला.


जयंती पांडेय दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. हईं आ कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर से प्रकाशित सन्मार्ग अखबार में भोजपुरी व्यंग्य स्तंभ “लस्टम पस्टम” के नियमित लेखिका हईं. एकरा अलावे कई गो दोसरो पत्र-पत्रिकायन में हिंदी भा अंग्रेजी में आलेख प्रकाशित होत रहेला. बिहार के सिवान जिला के खुदरा गांव के बहू जयंती आजुकाल्हु कोलकाता में रहीलें.

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अँजोरिया के भामाशाह

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यूपीआई पहचान हवे -
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सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
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पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


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(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


पूरा सूची


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