जनाब 'मिर्जा खोंच' अब नइखन

by | Nov 19, 2013 | 1 comment

डूब गइल भोजपुरी व्यंग्य के चमकत सितारा. जनाब ‘मिर्जा खोंच’ (1.9.1952 – 19.11.2013) अब हमनी के बीचे ना रहनी.


आजु सबेरे हम पटना पुस्तक मेला से लवटि के दिल्ली अइनी ह. फोन पर करीब 12 बजे के आस पास बेतिया के उर्दू के विद्वान कवि जनाब डॉ ज़फर इमाम कादरी ‘ज़फर’ सर क फ़ोन आइल. फेर उहाँ के शायर आ कवि शकील साहेब के फोन आइल, फ़ोन उहाँ लोग के कबो कबो आवे ला बाकिर आजु जवन खबर आइल उ बड़ा दुखद रहे.

भोजपुरी साहित्य में व्यंग विधा में गद्य आ पद्य दुनु में लिखे वाला एगो लमहर साहित्यकार ‘मिर्जा खोच’ साहेब के देहांत आजु सबेरे (7 बजे ) काली बाग, उनकर छोट भाई के डेरा पर हो गइल. मिर्जा साहेब पिछला 5 साल से गुर्दा के बेमारी से पीड़ित रहीं.

मिर्जा खोंच के असली नाम मोहमिद गनी रहे आ शादी बिआह ना भइल रहुवे, मिर्जा खोंच के लिखल  भोजपुरी गद्य आ पद्य के एह ‘भोजपुरी ज़िन्दगी’ के पहिला अंक में हम संग्रह कइले रहीं जवना के  रउरा पढ़ सकेनी.

बन गइनी हम सउँसे फतूरी

बन गइनी हम सउँसे फतूरी
उल्टा सीधा आपन काम.
रात रात भर टीवी देखीं
दिन के होखेला आराम.
बन गइनी हम सउँसे फतूरी

हम त बहादुर बानी
काम गजब के करी ले.
कुत्तन के दउड़ा के मारीं,
बस चूहन से डरीलें.
बन गइनी हम सउँसे फतूरी

घबड़ाइले पढ़ला से हम.
बाकिर जाइले इस्कूल.
गुरु जी के झाँपड़ के डर से
सउँसे पाठ जाइले भूल.
बन गइनी हम सउँसे फतूरी

बपसी रोज हमरा के ठोकस
देस महतारी खाए के.
कोना में जा के छुप जाईं
केतनो कहस नहाए के.
बन गइनी हम सउँसे फतूरी

बड़कन के बा आसिरवाद.
छोटकन के बाटे परनाम.
अइसन नीमन काम करीं त
छप जाई अखबार में नाम.
बन गइनी हम सउँसे फतूरी

भोजपुरी साहित्य के एगो लमहर नुकसान भइल बा.  हम भोजपुरी ज़िन्दगी, अखिल अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मलेन, अखिल भारतीय भोजपुरी लेखक संघ, इंद्रप्रस्थ भोजपुरी परिषद्, पूर्वाचल एकता मंच के ओर से उहाँ के भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करत बानी.

भगवान उहाँ के जन्नत नसीब करस, उहाँ के आत्मा के शांति मिले.

– संतोष पटेल

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अँजोरिया के भामाशाह

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यूपीआई पहचान हवे -
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सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
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(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


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