भोजपुरी कवि रामजियावन दास बावला के निधन

by | May 2, 2012 | 2 comments

काल्हु पहली मई २०१२ के दुपहरिया नब्बे साल के बाबा रामजियावन दास बावला के लमहर बेमारी का बाद निधन हो गइल.

चकिया चंदौली के भीखमपुर गाँव मे एगो किसान रामदेव विश्वकर्मा का घरे माता सुदेश्वरी देवी के पहली जून १९२२ के जनमल पुत्र राम जियावन के पढ़ाई लिखाई में मन ना लागत रहे आ ऊ चउथा क्लास से आगा ना पढ़ पवलें आ भगवत भजने में मन लगा लिहलें. अपना बड़का बाबूजी रामस्वरूप विश्वकर्मा के संगति में ऊ रामायणिक बन गइले आ रामायण पाठ करे लगले.

भोजपुरी में कविता रचे आ गावे वाला रामजियावन कब अपना दोस्तन से मिलल नाम “बावला” अपना लिहले कहल ना जा सके. बाकिर बनारस के घाट पर नहाए गइल रामजियावन दास से एगो साधु पूछलसि कि कहवाँ से आइल बाड़े बावला ? आ उनुकर दोस्त तबहिए से उनुका के बावला कहे लगले.

रामजियावन दास के रामायण प्रेम का चलते आ राम से जुड़ल कविताई का चलते भोजपुरी के तुलसीदास कहल जाए लागल रहुवे. अपना अंतिम समय ले रामजियावन दास बावला अपना माटी, संस्कार आ भाषा से जुड़ल रहलें.

अपना वाचिक परंपरा का चलते बावला के अधिकतर रचना गाँव जवार के लोकगीतन में समात चलि गइल आ ऊ प्रकाशन आ प्रचार से दूरे रहलें. बाद में स्व॰ विद्यानिवास मिश्रा जी के प्रयास से बावला के गीतन के एगो संकलन “गीतलोक” प्रकाशित भइल रहे.

बावला के एगो गीत के मुखड़ा “कहवाँ से आवेलऽ कवना ठईयाँ जइबऽ बबुआ बोलत ना, के हो देहलसि तोहके बनवास बबुआ बोलत ना” रउरो सुनले होखब.

बावला के रचना के कुछ अउर बानगी एहिजा देखीं.

तोरि के पाताल के आकाश में उछाल देब
ढाल देब पानी-पानी पूरा एक दान में।
बाहु बल बिधि क बिधान हेर फेर देब
का करी अकाल जान डाल देब जान में।
धानी रंग धरती क रंग नाहीं उतरी त
उतरी कब उतरी सोनहुला सिवान में।
रूठ जाय अदरा औ बदरा भी रूठ जाय
भदरा न लगइ देब खेत खलिहान में ।।

भा फेर गाँव गिराँव के चरचा देखीं.

पग पग धरती सिवनवा क नापइ देहियाँ क सुधि नाहीं फटहा झिंगोला ।
तपनी थिथोर होय सँझवा के दर दर बुढ़ऊ क कहनी सोहाय भर टोला।
उँखिया क रस कोल्हुवड़वा बोलावइ गुड़वा सोन्हाय त उमगि जाय चोला।
गँवई क गाँव जहाँ दिन भर चाँव माँव धूरिया लपेट के फिरैलैं बम भोला।।

एह भोजपुरी प्रेमी के अँजोरिया के श्रद्धांजलि.

Loading

2 Comments

  1. amritanshuom

    बहुत दुखी करे वाला बात बा .भगवान इनकर आत्मा के शांति देस .

    ओ.पी.अमृतांशु

Submit a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 11 गो भामाशाहन से कुल मिला के छह हजार सात सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


संस्तुति

हेल्थ इन्श्योरेंस करे वाला संस्था बहुते बाड़ी सँ बाकिर स्टार हेल्थ एह मामिला में लाजवाब बा, ई हम अपना निजी अनुभव से बतावतानी. अधिका जानकारी ला स्टार हेल्थ से संपर्क करीं.
शेयर ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले जरुरी साधन चार्ट खातिर ट्रेडिंगव्यू
शेयर में डे ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले बढ़िया ब्रोकर आदित्य बिरला मनी
हर शेेयर ट्रेेडर वणिक हैै - WANIK.IN

Categories

चुटपुटिहा

सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


अउरी पढ़ीं
Scroll Up