आखिर मिल ही गयी मंजिल कला को – ओम प्रकाशसिंह यादव

by | Dec 24, 2011 | 1 comment

कहते हैं कि कला सीखी नहीं जाती,कला सिखाई नहीं जाती बल्कि कुदरती देन है,जो कुदरत कलाकार को वरदान स्वरुप देता है. और शायद इसी वजह से देर से ही सही कला को मंजिल मिल ही जाती है. जी हाँ, बहुमुखी प्रतिभा के धनी बिरहा सम्राट ओम प्रकाशसिंह यादव को आखिर मंजिल मिल ही गयी और बन गए वो गायक से नायक फिल्म बूटन में.

ओम प्रकाशसिंह यादव बचपन से ही बहुमुखी कला के धनी होने की वजह से गायकी में अपना लोहा मनवाने में कामयाब रहे तथा बिरहा सम्राट की उपाधि से नवाजे गए. और अपनी अभिनय की कला को खुद के गए हुए गीतों के वीडियो अल्बम तक ही सीमित रखा था तथा तलाश में थे एक अच्छे मौके की . वैसे उनके द्वारा अभिनीत व गाये हुए गीतों अल्बम काफी लोकप्रिय भी रहे. जब टी.सीरीज कंपनी में उनकी मुलाकात अनुभवी निर्देशक एवं सिनेमैटोग्राफर एस.कुमार से हुई तो उन्होंने बड़े परदे पर अभिनय कारने की इच्छा जताई. इसी दौरान इनकी मुलाक़ात सुभाष पासीजी से हुई और निखिल इंटरटेनमेंट के बैनर तले निर्मित फिल्म बूटन में बतौर हीरो अनुबंध कर लिए गए.

बतौर बिरहा सम्राट ओम प्रकाशसिंह यादव का कहना है की उनकी दिली इच्छा थी एक ऐसी फिल्म में काम करू जिसे मैं भी पूरे परिवार के साथ देख सकू, निर्मात्री रीना एस. पासी एवं लेखक निर्देशक व सिनेमैटोग्राफर एस. कुमार ने आपसी राय-मशविरा के साथ वैसी ही फिल्म का निर्माण किया है जिसे बगैर देखे अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. पहिला ट्रायल शो देखने के बाद समीक्षकों का भी मानना है कि फिल्म “बूटन”वाकई मील का पत्थर साबित होगी.

उनकी आने वाली अन्य कई फिल्में हैं लेकिन “बूटन” के बाद “झारेलिया के गाँव मे जल्द ही प्रदर्शित होगी.


(स्रोत – रामचंद्र कुंदन)

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1 Comment

  1. Ramchadra Yadav

    Bhojpuri Cinema ka fir aa rahaa hai sunhra daur….

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अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 11 गो भामाशाहन से कुल मिला के छह हजार सात सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


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