देखन में छोटन लगे …..

by | Nov 22, 2011 | 0 comments

देखना हो अगर हमारे पंखों का परवाज़..
आसमां से कह दो ज़रा और ऊँचा हो जाये…

आसमां की ऊँचाई जितनी भी हो के.के.गोस्वामी के ख्वाबों से बड़ी तो नहीं हो सकती… वरना अपने छोटे कद के कारण लोगों के कौतुहल का कारण बने के.के.गोस्वामी एक्टर बनने का ख्वाब ही क्यों देखते..? के.के. ने न केवल ख्वाब देखा बल्कि अपने तसव्वूरों को तस्वीरों में ढालकर लोगों के सामने एक नयी चुनौती भी पेश कर दी… जिस कद-काठी को लोग एक अभिशाप की तरह देखते हैं, वही कद-काठी के.के.गोस्वामी के लिए एक वरदान साबित हुई…
शक्तिमान, जूनियर जी, इधर कमाल उधार धमाल, शाकालाका बूमबूम, सोनपरी, चाचा चौधरी, ssshhhh कोई है, विक्राल और गबराल, सहित लगभग चालीस टीवी सेरिअलों में अपना कमाल दिखा चुके के.के.जब जॉनी लीवर जैसा कॉमेडियन बनने की तमन्ना लिए मुंबई की सरज़मीं पर आये तो खुद ही कॉमेडी की वजह बन गए… लोगों के होंठो पर तैरती मुस्कान और चुभते तानों ने उन्हें विचलित तो किया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.. छोटे-मोटे रोल्स से गुजरता उनका सफ़र धीरज कुमार के सीरियल “कुछ भी हो सकता है” तक पहुंचा…और यही उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ… इस सीरियल में उन्होंने इ के गबरू दादा का रोल इतनी शिद्दत से निभाया कि आगे चलकर यही नाम उनकी पहचान बन गया…
“गबरू दादा” को छोटे पर्दे के दर्शक तो पहचानते ही हैं… भोजपुरी दर्शक भी उनसे खूब वाकिफ़ है.. ‘रखिया लाज अंचरवा के’, ‘मृत्युंजय’, ‘सईयाँ के साथ मडईया में’, ‘देवरा बड़ा सतावला’ और ‘सात सहेंलिया’ सहित दर्जनों फिल्मों का मनोरंजन कर चुके के.के.गोस्वामी खुद भोजपुरी भाषी हैं, इसिलिय इन फिल्मों से उन्हें खास लगाव है.. लेकिन के.के. किसी हद में बंधना नहीं चाहते.. बहरहाल वो इस वक़्त सब टीवी के टीआरपी नंबर 1 पर चल रहा सीरियल ‘गुंटर-गुं’ में काफी व्यस्थ्य हैं…
एक आम आदमी की तरह के.के.गोस्वामी के दिल में भी अभी बहुत-सी ख्वाहिशें बाकि हैं.. लेकिम उन्हें मुकद्दर ने अबतक जो दिया है, वो उससे पूरी तरह संतुष्ट हैं… बकौल के.के. कामयाबी का मज़ा तभी है, जब वो मुश्किलों के रास्ते से आये.. उम्मीद है कि इस छोटे कदवाले के.के. की बड़ी सीख उनके चाहनेवालों के काम आएग


(स्रोत – स्पेस क्रिएटिव मीडिया)

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अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 11 गो भामाशाहन से कुल मिला के छह हजार सात सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


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सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


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