शीला की जवानी, छम्मक छल्लो, मुन्नी बदनाम हुई, अनारकली डिस्को चली अउर अब ‘लट्टू फिरा दे रे छोरा….’ जी हँ! राखी सावंत पर फिल्मावल आ फिल्म ‘रक्तबीज’ क ई गाना एह घरी चारो ओर खूबे बाजत बा. एकर संगीतकार हउवें सतीश-अजय. आइटमे नंबर से बॉलीवुड में जोरदार एंट्री मारे वाली राखी अब ‘लट्टू गर्ल’ बन के सतीश-अजय क धुन पर थिरकत बाड़ी. कहल जात बा कि एह गीत के फिल्मावे आ सेट पर नाहियो त एक करोड़ रुपिया के खरचा आइल बा. एह गाना में यूपी के फोक शब्दन के बखूबी इस्तेमाल भइल बा. संगीत कुछ एह अंदाज़ में बनल बा कि देसी वाद्य यंत्रन पर वेस्टर्न बीट्स के उम्दा फ्यूजन सुने के मिलऽता. बॉलीवुड के कईएक फिलिमन में अपना संगीत के जलवा बिखेर चुकल सतीश-अजय के पिछले साल बॉलीवुड फिल्म ‘रॉक इन मीरा’ के संगीत खातिर बेशुमार शोहरत मिलल रहुवे.
मूलतः यूपी के रहे वाला सतीश-अजय क जोड़ी अब ले दर्जन भर बॉलीवुड फिलिमन का अलावे देश के नामी-गिरामी म्यूजिक कंपनियन ला नाहियो त अढ़ाई दर्जन एलबम आ भोजपुरीओ के दर्जन भर फिलिमन के संगीत दे चुकल बाड़ें. अबहीं महुआ टीवी पर चलत म्यूजिकल शो ‘सुरों का महासंग्राम’ में बतौर जज व मेंटर क भूमिका निभावत बिया ई जोड़ी.
सतीश-अजय बतवलें कि ऊ लोग अबले तीन गो आइटम सांग कम्पोज कइले बा. लट्टू फिरा दे .. का बाद बाकियो दुनु सांग एह साल सुने के मिल जाई.एकरे अलावे फिल्म ‘रक्तबीज’ में दू गो मेलोडियस गानो बा. एगो गीत सूफी अंदाज़ में बा त दुसरका आजु क नवही पीढ़ी के मन मिजाज वाला रॉक स्टाइल में. एह गानन के संयोजन लीक से हट के बा.बतावत बा लोग कि एक साल ले त लोग के लाइन से उनुकरे फिलिमन के संगीत सुने क मिले वाला बा.
(शशिकांत सिंह रंजन सिन्हा के रपट)
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