मटुकनाथ जइसन लोग के महिमामण्डित करी भौजाई नं॰ वन

by | Jul 21, 2010 | 3 comments

पटना के बदनाम प्रोफेसर मटुकनाथ जे अपना छात्रा जूली का साथे प्रेमलीला कइलें आ बाद में अपना मेहरारु के छोड़ के ओकरे साथे रहे लगलन, जिनका चेहरा पर लड़िका करीखा पोत दिहले रहले, जिनका के विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षक बनवले राखे लायक ना मनलस उहे मटुकनाथ अपना ओही प्रेमिका जूली का साथे भोजपुरी टीवी चैनल महुआ के रियलिटी शो भौजी न॰ १ में बाकायदा सम्मानित मेहमान बनके आवे वाला बाड़न. भउजाई लोग अइसनका देवर का साथे हँसी ठिठोली करी आ ऊ अपना प्रेमिका जूली का साथे ओह लोग का साथ मंच पर नचीहें आ देखेवालन के मनोरंजन करीहें.

एह हफ्ता का शो में गोरखपुर के विभा सिंह रंगीली भौजी, पटना के सुनीता छबीली भौजी, कोलकाता के माला मुखर्जी रसीली भौजी, आ हरियाणा के कुलदीप भाभी झूमरी भौजी बन के भौजी न॰१ का प्रतियोगिता में हिस्सा लीहें. चैनल के उम्मीद बा कि मटुकनाथ आ जूली के मौजूदगी शो में चार चाँद लगा दी. कहले गइल बा कि नामे नाम कि बदनामे नाम!


(स्रोत : सामग्री प्रशान्त निशान्त के, भाषा आ टिप्पणी अँजोरिया के)

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3 Comments

  1. OP_Singh

    सम्भव जी,
    रउरा टिप्पणी खातिर धन्यवाद.

    सवाल मटुकनाथ के भा जूली के नइखे, सवाल महुआ टीवी के बा. थोड़ देर खातिर दोसर उदाहरण सामने राखीं. मान लीं कि अँजोरिया पर फिल्मी खबर का बीच कवनो अभिनेता भा अभिनेत्री के नंगा तस्वीर डाल दिहल जाव त रउरा का कहब? ओह अभिनेता भा अभिनेत्री के त पूरा छूट बा कि ऊ जइसन चाहो आचरण करो, फिल्म का हिसाब से नंगई करो. बाकिर अँजोरिया के कुछ जिम्मेदारी बनेला कि ना? अँजोरिया के हर उमिर के पाठक पाठिका पढ़ेलें. ओह हिसाब से अँजोरिया के आचरण ठीक रही का?
    हम मटुकना्थ आ जूली के सवाल नइखी उठवले. हम पूछले बानी कि का महुआ टीवी ई ठीक करत बा? का ओकर कवनो सामाजिक दायित्व नइखे बनत? मटुकनाथ चर्चित अपना विद्वता खातिर ना भइलन, अपना कवनो कला भा रचना खातिर चर्चित ना भइलन, ऊ चर्चित भइलन अपना छात्रा का साथ मुहब्बत करे खातिर. एहसे अगर कवनो टीवी भा सांस्कृतिक संस्था उनका के मंच देत बा त ओकर मतलब त इहे निकालल जाई कि ऊ मटुकनाथ के आचरण के समर्थन करत बा. ओह शो में मटुकनाथ पर चर्चा ना होखे के रहुवे, मटुकनाथ कवनो बहस में ना आइल रहलन, उनका के शो में मंच पर बइठावल गइल. हमार विरोध ओही बात से बा.
    एक बेर फेर रउरा टिप्पणी खातिर धन्यवाद, ना त हम ई जवाब ना लिख पइतीं.
    राउर,
    संपादक, अँजोरिया

  2. Kumar Sambhav

    मटुकनाथ के जीवन में का भइल. एह प् शुरू से विवाद बा, दूनो तरफ के आपन आपन राय बा , लेकिन आकार मतलब इ नाह की हम उनका के बदनाम मानी, एह धरती प् सबके अपने हिसाब से जीये के आज़ादी बा, मटुकनाथ आ जूली के जौनो सम्बन्ध बा उ उनकर व्यक्तिगत मामला हा. कौनो जनसंचार माध्यम समाज के हर पहलू के रखेला….अब समाज के फैसला करे के बा कि का sahi बा आ का galat बा

  3. दिवाकर मणि

    बहुत सही कहनीं अपने कि खाली नामे नाम ना होला, बदनामियो से नाम होला….

    जय हो मटुकनाथ बाबा की….
    आ जय महुआ के भौजाई नं वन के….

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अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
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सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
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पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 11 गो भामाशाहन से कुल मिला के छह हजार सात सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


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