The traditional Mahabiri procession of Siwan passed of peacefully in the wee hours of Thursday. However one of the processions reached two hours late at the spot thus obstructing the passage of other processions due to Namaz.
सिवान शहर में हर साल निकले बाला महाबीरी झण्डा के जुलूस बुध का रात में शान्ति से निकल गइल. झगड़वहा बर का लगे चहुँपत में एगो अखाड़ा दू घंटा के देरी कर दिहलसि जवना का बाद नमाज के वक्त हो गइल रहुवे एकरा चलते बाकी अखाड़न के नमाज खतम होखे के इन्तजार करे के पड़ल.
आम बोलचाल में झगड़वहा बर कहावे वाला वट वृक्ष के सरकारी तौर पर शांति वट वृक्ष कहल जाला. ओकर नाम झगड़वहा बर एह चलते पड़ गइल कि ओकरा नीचे तक झुकल डाढ़ से तजिया के जुलूस निकले में दिक्कत होला आ डाढ़ काटे के मामिला से कई बेर दंगा हो गइल रहे. अब ऊ जमाना खतम हो गइल बा आ सबकुछ हँसी खुशी से पूरा हो जात बा.
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