जब घूर के दिन फिरेला

by | Apr 27, 2015 | 0 comments

jayanti-pandey

– जयंती पांडेय

बाबा लस्टमानंद से रामचेला पूछले, ‘बाबा हो, ई घूरो के दिन कइसे फिरेला?’
बाबा कहले, ‘जे तहरा एकर उत्पत्ति आ टीपण जाने के होखो त भोजपुरिका में बतकुच्चन करे वाला डाक्टर साहेब से सवाच ल. हम त जानत बानी कि आज के जमाना में घूर के दिन फिर गइल बा. सब नेता लोग बस झाड़ू ले के निकलता लोग आ नारा लागऽता कि ‘जहां सोच उहां शौचालय!’ सब मंत्री लोग झाड़ू ले के फोटो खींचवावता.’

अब एकरा घूर के दिन फिरल ना कहबऽ त का कहबऽ सब मंत्री लोग त घूर के दिने नू सँवारे निकलल बा. जब घूर के दिन फिरेला त नेता लोग झाड़ू के चरण स्पर्श करेला. झाड़ू ले के तरह-तरह के फोटो खातिर पोज देला.

जब घूर के दिन फिरेला त जेकर नसीब ना ठीक रहेला ओहु के हो जाला. झड़ुओ चुनाव जीत जाला. नोट आ दारू चुनाव हार जाला. झाड़ू अइसन लहराला कि बुझाला जइसे विश्वविजयी झंडा फहरा रहल बा.

अरे भाई घूर के दिन पिर जाला चाहे कहऽ नीमन हो जाला त ऊ कालीन के निचहुँ पहुँच जाला आ कालीन वाला ओकरा नीचे लुकवावेला आ कहेला कि भईवा, एहिजे आराम कर. जब घूर के दिन लवटेला त ओकरा से बिजली बने लागेला. जब कोइला के दलाली में नेता लोग दागी हो सकेला, केहु प्रधानमंत्री ना हो सके त इहो संभावना बा कि ई घूरवा कवनो दिने दलाली के विषय बन जाई.

जब घूर के दिन फिरेला त ऊ सरकार के सामने अइसे आ के खड़ा हो जाला जइसे संसद क सवाल. ऊ कवनो बड़हन शहर के डींग के हवा निकाल सकेला.

जब कोलकाता शहर कहे कि हमरा लगे फ्लाईओवर बा, माॅल बा, मेट्रो बा त इहे घूरवा पूछ सकेला कि भईया, हमहुं त बानी हर जगह.


जयंती पांडेय दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. हईं आ कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर से प्रकाशित सन्मार्ग अखबार में भोजपुरी व्यंग्य स्तंभ “लस्टम पस्टम” के नियमित लेखिका हईं. एकरा अलावे कई गो दोसरो पत्र-पत्रिकायन में हिंदी भा अंग्रेजी में आलेख प्रकाशित होत रहेला. बिहार के सिवान जिला के खुदरा गांव के बहू जयंती आजुकाल्हु कोलकाता में रहीलें.

Loading

0 Comments

Submit a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 11 गो भामाशाहन से कुल मिला के छह हजार सात सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


संस्तुति

हेल्थ इन्श्योरेंस करे वाला संस्था बहुते बाड़ी सँ बाकिर स्टार हेल्थ एह मामिला में लाजवाब बा, ई हम अपना निजी अनुभव से बतावतानी. अधिका जानकारी ला स्टार हेल्थ से संपर्क करीं.
शेयर ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले जरुरी साधन चार्ट खातिर ट्रेडिंगव्यू
शेयर में डे ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले बढ़िया ब्रोकर आदित्य बिरला मनी
हर शेेयर ट्रेेडर वणिक हैै - WANIK.IN

Categories

चुटपुटिहा

सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


अउरी पढ़ीं
Scroll Up