रैली के सवर चलल बा

by | Nov 5, 2012 | 0 comments

– जयंती पांडेय

रोज रैली, प्रदर्शन, नारेबाजी से एकदम रीगल रामचेला कहले – बाबा आजुकाल ई नेतवन के का हो गईल बा कि रोज प्रदर्शन रोज बवाल. जेकरा देखऽ उहे झंडा टंगले चिचियात घूमऽता.

बाबा लस्टमानंद मुस्किया के कहले, रामचेला, जान जा कि ई विरोध प्रदर्शन आ रैली के एगो सवर चलल बा. जेकरा पार्टी में मोट अढ़ाई गो मेम्बर बाड़े सन उहो एगो रैली निकालऽता. सबके एके गो मुद्दा बा मंहंगी आ भ्रष्टाचार. अब नया पर एगो अउरी हो गइल बा एफ डी आई. जेकरा के देखऽ उहे चिलाता आ बयान दे रहल बा. कातना त असहुं लोग बा जे चिलाता विरोध में आ जब ई कहल जाउ कि ‘भइवा , तूं त एफ डी आई के पक्ष में रहलऽ आ अब विपक्ष में काहे नारा लगावऽ तार ?’ ऊ कहऽता कि बस ओह समय में संगे रहनी ई सब समय-समय के बात ह. अलग- अलग मुद्दा के ले के समर्थन लिहल दिहल जाला. अब सरकार महंगी के आर्थिक सुधार के कड़ा कदम बतावऽतिया त विपक्ष ओकरा के सरकार के नालायकी बता के खूब चिचिया तारे सन. तिल के ताड़ बनावे में विपक्ष के कवनो मोकाबिला नइखे.

कई राज्य में चुनाव होखे वाला बा त ओह राज्यन के मुख्य मंत्री लोग अलगा घिघियाता. ऊ लोग के चिंता बा कि यदि सरकार चल गइल ऊ लोग के का होई? एही से बेर बेर झूठ बोल के ऊ चाहऽता लोग सांच बना दीं. ओने केंद्र सरकार के लोग कहऽता ऊ लोग दिमाग गड़बड़ा गइल बा. जोड़ अजमाये के एगो अलग खेल. लेकिन जान जा राम चेला कि जनता सब जान गइल बा आ ऊ ई रैलियन में भागे नईखे लेत. टी वी पर रैली के खबर आवऽता लोग चैनल बदल देता. खूब चटक ना सही लेकिन रैलियन के वजह से बुझाता कि मौसम चुनाव के आ रहल बा.
एही से सब पार्टी के लोग चुनाव में कूदि परल बा। सब लोग बूझऽता कि अब मध टपकी ऊ आपन हांड़ी भर ली. एही से नेता लोग कहत चलऽता कि चुनाव होखे वाला बा. रैली के मंच से कहल जा ता कि मध्यावधि चुनाव होखहीं वाला बा. सरकार के कहल ह कि अभी दिल्ली दूर बा. सब दल के एगो पीएम कंडीडेट बा. ओकनी के सरकार के बात सुन के देहि में आग लाग जा ता. कई गो नेता लोग पी एम के कुरसी के सपना देखि रहल बा. उनका बुझात नइखे कि अइसन क दीं जे चट दे पीएम हो जाईं. लेकिन कुछ बुझात नइखे एही से रैली पर रैली के आयोजन हो रहल बा।


जयंती पांडेय दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. हईं आ कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर से प्रकाशित सन्मार्ग अखबार में भोजपुरी व्यंग्य स्तंभ “लस्टम पस्टम” के नियमित लेखिका हईं. एकरा अलावे कई गो दोसरो पत्र-पत्रिकायन में हिंदी भा अंग्रेजी में आलेख प्रकाशित होत रहेला. बिहार के सिवान जिला के खुदरा गांव के बहू जयंती आजुकाल्हु कोलकाता में रहीलें.

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अँजोरिया के भामाशाह

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यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 11 गो भामाशाहन से कुल मिला के छह हजार सात सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


पूरा सूची


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सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


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