सुप्रीम कोर्ट आजु सतर्कता आयुक्त पी जे थामस के नियुक्ति के अवैध ठहरा दिहलसि जवना का बाद थामस इस्तीफा द दिहले. बाकिर एह दागी अधिकारी के ओतना जिम्मेदार पद पर नियुक्त करे वाला प्रधानमंत्री आ गृहमंत्री इस्तीफा ना दीहें. काहे कि बेहाया के चमड़ी बहुते मोट होला. एह लोग पर एह फैसला के कवनो असर ना पड़ सके. ओने “कानून” मंत्री एम वीरप्पा के कहना बा कि ऊ कुछ कहे का हालात में नइखन. शायद ठकुआ मार दिहले बा. शायद सरकार भुला गइल रहे कि अबहियो देश के न्यायालय के ईमानदारी बाँचल बा बिकाइल नइखे जइसे देश के राजनीतिक नेतृत्व बिका चुकल बा. थामस के नियुक्ति का पहिलहि संसद में विपक्ष के नेता सुषमा स्वराज चेतवले रहली आ आपन असहमति दर्ज करवले रही बाकिर सत्ता का मद में देश के प्रधानमंत्री ओह बात के नकारत एगो दागी अधिकारी के नियुक्त कर दिहलन.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला का बाद केन्द्रीय मंत्रीमण्डल के बईठक बोलावल गइल बा जवना में एह “समस्या” से मुक्ति पावे के भा सफाई देबे के राह निकालल जाई.
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