केन्द्र सरकार का तरफ से देश के सबसे बड़हन न्यायालय में गलत हलफनामा दाखिल करावल गइल बा कि ओकरा मालूमे ना रहुवे कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग के चेयरमैन पद पर बहाल होखे वाला पी॰जे॰ थामस पर कवनो घोटाला के मुकदमा बा. जबकि बहाली से पहिलही विपक्ष के नेता सुषमा स्वराज, जे ओह बहाली के नियुक्त करे वाला तीन लोग में शामिल होला, लिखित रुप में आपत्ति कइले रही कि थामस के एह पद पर नियुक्ति ना कइल जाव. बाकिर पता ना मनमोहन सिंह के कवन मजबूरी रहे कि एह दागी अफसर के नियुक्ति ओह आपत्ति का बावजूद कर दिहलन आ सरकार अब अदालत में गलत हलफनामा दाखिल करे पर मजबूर हो गइल बिया. ओने थामस सरकार के होखे वाला फजीहत से बचावे खातिर आपन इस्तीफा देबे के तइयार नइखन काहे कि थामस के मालूम बा कि इस्तीफा देतहीं उनका पर घोटाला के शिकंजा कसा जाई.
एही तरह के कुछ मजबूरी सरकार का लगे करिया कमाई वालन के नाम बतावे से रोके खातिर बा. सरकार ओह करिया कमाई वालन के नाम बतावे के तइयार नइखे होत. तरह तरह के बहाना बनावल जा रहल बा. देश में केन्द्र सरकार कबहियो अइसनका फजीहत में ना फँसल रहुवे जइसन एह इमानदार प्रधानमंत्री का रहते फँस गइल बिया.
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