Yesterday Bihar Chief Minister recited his poem against Lalu Prasad and Lau Prasad took strong exception to that. Lalu himself recited a few lines in his speech. Nitish has ridiculed Lalu’s claim of a turn-around man pooh poohing his claim or turning around the railways. Nitish said perhaps Lalu wants to do the same with Bihar what he has done with the railways. Lalu has cautined Nitish to remain within his limits.
लालू प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चुनौती दिहले कि अगर उनका में हिम्मत होखे त चुनाव जीतला का बाद कवनो सवर्ण के मुख्य मंत्री बनावे के एलान कर देखावसु. लालू के आरोप बा कि नीतीश सवर्ण समर्थन ले के जीतले आ जीतला का बाद एक एक कर के सवर्ण नेता लोग के रद्दी का टोकरी में डालत गइले.
शायद लालू के ऊ दिन याद बा जब उनका के चुनौती दिहल गइल रहुवे कि अगर अतने मुस्लिम प्रेम बा त चुनाव जीतला का बाद कवनो मुसलमान के मुख्यमंत्री बनावे के घोषणा कर देखावसु.
अबकी लालू खास कर के नीतीश का कविता पर नाराज बाड़े जवना में नीतीश लालू पर व्यंग कइले बाड़न. ऊ अपना कविता में सुनवले कि जय हो जय हो, कायापलट जी के जय हो, रेलवे का क्षय हो, बिहार में भय हो, आतंकराज की जय हो, काहे कि कायापलट जी के जय हो. एह कविता से नाराज लालू नीतीश के सीमा में रहे के सलाह दिहले बाड़न आ कहले कि पके जो दूध में चावल उसे हम खीर कहते हैं, मुसीबत और संकट से जो टकराये उसे हम वीर कहते हैं.