पिछला डेढ़ साल से सटकल छेद अब खुले लागल बा आ डकार आ पाद दुनू निकले लागल बा. लोकसभा में शानदार जीत का बाद राज्यन में जीत के सिलसिला जबले चालू रहल तबले मोदी के विरोधी आ भाजपा के भितरघाती आपन मुँह बन्द क के सटकल रहलें. दिल्ली के हार का बाद तनिका मौका मिलल रहुवे बाकिर ओतना हो हल्ला ना भइल. बाकिर बिहार में हारते भाजपा के सगरी खखुआइल नेतवन के मुँह से आवाज निकलल शुरू हो गइल बा. आ एहनी में एके बात काॅमन बा कि सभे सरकार के मलाई से दूर रहला का चलते नाराज बा. बात बकबकवा बिहारी बाबू के होखो भा मार्गदर्शन मंडल में रिटायर करा के राखल आडवाड़ी, जोशी, का साथही शंता कुमार, यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, गोविन्दाचार्य वगैरह नेता लोग पब्लिक में बयान दे के भाजपा के किरकिरी करावे में बिजी हो गइल बा.
इहे आडवाणी रहलन से दू दू चुनाव में भाजपा के नेता बन के पीएम बने के सपना देखत चुनाव लड़लन बाकिर दुनू बेर भाजपा के हार के सामना करे के पड़ल. तब त इनका याद ना रहल जिम्मेदारी सकारे के बाकिर अब इहो बिहार के हार वाला हार पहिरे वाला के तलाश में जुट गइल बाड़न.
भाजपा के कुछ मेहराइल बम पटाखो एह हार के घाम में सूख के टनटना गइल बा आ लागल बा धमाका करे में. अइसनका लोग में हुकुम नारायण यादव आ भोला सिंह के नाम लिहल जा सकेला. एह लोग के एहसे मतलब नइखे कि भाजपा के कमजोरी खोजल जाव आ ओकरा के ठीक करे के कोशिश होखो. एह लोग के अबहियों सत्ता के रोटी दे दीहल जाव त जयकारा करे लागी लोग.
बूढ़वन के बयान अइला का बाद भाजपा का तरफ से कहल गइल बा कि पार्टी जरुरत का हिसाब से एह लोग से बात कर ली. पार्टी का तरफ से कहल गइल बा कि कवनो नेता सार्वजनिक बयानबाजी मत करे आ ई काम बोलतुए लोगन पर छोड़ दीहल जाव बाकिर लागत नइखे कि सत्ता के मलाई चाभे खातिर खखुआइल नेतवन पर कवनो असर पड़़ल बा.
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