सरकार का खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर जुम्मा का दिने चरचा

नयी दिल्ली, 18 जुलाई (वार्ता). मोदी सरकार का खिलाफ तेलुगुदेशम् पार्टी (तेदेपा) का तरफ से पेश अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में चरचा करे ला बुध का दिने सकार लीहल गइल आ एह पर चरचा आ भोटिंग अब शुक माने जुम्मा का दिने करावल जाई.
ओह दिन सदन में ना त प्रश्नकाल चली ना कवनो गैर-सरकारी कामकाज. सबेरे 11 बजे से चरचा शुरू होखी आ ओही दिन प्रस्ताव पर भोटो करा लीहल जाई. मोदी सरकार के चार बरीस से अधिका के कार्यकाल में ओकरा खिलाफ पहिला बेर अविश्वास प्रस्ताव आइल बा.
मानसून सत्र का पहिला दिने प्रश्नकाल का बाद जरूरी कागजात सदन पटल पर रखवइला का बाद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सदन के सूचित कइली कि उनुका तेदेपा के के. श्रीनिवास, थोटा नरसिम्हन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पाटी के तारिक अनवर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद सलीम, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे अउर के.सी. वेणुगोपाल आ रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन. के. प्रेमचंद्रन का तरफ से अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस मिलल बा. एहमें श्रीनिवास के प्रस्ताव सबसे पहले मिलल एहसे उनुके के प्रस्ताव पेश करे के मौका दीहल जा रहल बा.
एह सांसद श्रीनिवास एक लाइन के प्रस्ताव पढ़लन, जवना में कहल गइल कि , ‘यह सभा सरकार के खिलाफ अविश्वास व्यक्त करती है।’ एकरा बाद अध्यक्ष जानल चहली कि सदन में कतना सदस्य एह प्रस्ताव के समर्थन करत बाड़ें. एकरा बाद कई एक गोल के 50 से अधिका सदस्य प्रस्ताव का समर्थन में खड़ा हो गइलें. तब स्पीकर कहनी कि ऊ प्रस्ताव के चरचा ला सकार लेत बानी. जाने जोग बा कि अविश्वास प्रस्ताव चरचा ला सकारल जाए जोग तबे मानल जाले जब कम से कम 50 गो सदस्य समर्थन करत होखसु.
सदन में कांग्रेस के नेता खड़गे एह पर नाराजगी जतवलें कि अध्यक्ष उनुका के प्रस्ताव पेश करे के मौका ना दिहली. कहलन कि देश के सबले बड़का विरोघी गोल होखला का नाते ई मौका उनुके दीहल चाहत रहुवे. तब स्पीकर महोदया कहली कि सबसे पहिले प्रस्ताव के नोटिस देबे वाला के नियम का हिसाब से मौका दीहल गइल बा आ एहमें छोट बड़ गोल के सवाल नइखे.
बाद में भोजनावकाश का बाद स्पीकर महाजन सदन के सूचित कइली कि प्रस्ताव पर चरचा आ भोटिंग 20 जुलाई, शुक का दिने करावल जाई.
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य 20 जुलाई के चरचा करावे के विरोध करत कहलें कि 21 जुलाई का दिने उनुकर गोल पश्चिम बंगाल में ‘शहीद दिवस’ मनावेले आ ओह दिन गोल के सांसदन के ओहिजा जाए के बा. एहसे चरचा सोमार का दिने करावल जाय. बाकिर स्पीकर कहली कि ऊ आपन फैसला दे दिहले बाड़ी आ अब एहमें बदलाव ना कइल जा सके.

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