बाँझ का जनिहें प्रसवती के पीड़ा ? बच्चा जने में होखे वाला दरद ओही औरत के समुझ में आ सकेला जे कबो खुद बच्चा जनले होखे. बूझेले चिलम जिनका पर चढ़ेला अँगारी. जे हालात के गरमी झेलेला ओकरे ओकर पीड़ा बुझाला. भोजपुरी के ई दुनु कहाउत आजु एह चलते याद आ गइल कि हम चकोह आ बँड़ेरा का बारे में बतियावे के सोचले रही. बाकिर जब लिखे बइठनी त बाति निकल गइल आ दू गो अउर शब्द बतकुच्चन करे लायक मिल गइल, जनिहें आ जनीहें. जनला आ जनला के फेर में माथ चक्कर घिन्नी हो गइल चकोह आ बँड़ेरा जइसन. लिखे के लिख सकत रहीं कि चकोह आ बँड़ेरा लेखा, बाकिर तब फेर लेखा आ लेखा के फेर सामने आ जाइत. लेखा माने जइसन, लेखा माने खाता बही भा जवन लिखल होखे. लिखल करम के लेख केहू समुझि ना पावेला. करम के लेख वाला लेखा आ जइसन वाला लेखा सुने में त एके जइसन लागेला बाकिर मतलब अलग अलग निकलेला. जनिहें मतलब जान पइहें, समुझि पइहें आ जनीहें मतलब केहू के जनम दिहल, जनल. जनक जाने वाला के कम, जने वाला के बेसी कहल जाला. खैर, बात घूम गइल त घूमे दीं. आईं हमनी का चकोह आ बँड़ेरा का तरफ लवटि जाँ. चकोह भँवर के कहल जाला, चक्र में चक्कर मारे वाला हवा चक्रावात कहाला बाकिर पानी के लहर जब कहीं गोल चक्कर मारे लागे त ओकरा के भँवर कहल जाला. आ गरम हवा जब गोल चक्कर मारत उपर का तरफ उठे लागे त बँड़ेरा बनि जाला, बवण्डर. दुनु में चक्कर गोलाईए में लागेला बाकिर पानी के भँवर, माने कि चकोह में जे फँसि जाला से सीधे नीचे डूबे लागेला. चकोह के पानी गोल गोल चक्कर मारत नीचे का तरफ भागत जाले. एह चकोह के अनुभव उहो आदमी समुझ सकेला जे हालात का चकोह में फँसि के पतनशील हो गइल होखे, गरदिश में डूब गइल होखे. बँड़ेरा एकरा उलटा होखेला. बँड़ेरा नीचे से उपर का तरफ भागेला बाकिर एह उपर का तरफ भगला में बढ़न्ती भा विकास ना देखल खोजल जा सके. बँड़ेरा उपर कम ले जाला उधियावेला बेसी. एक जगहा से उखाड़ के दोसरा जगह उधिया फेंकेला बँड़ेरा. आ अइसन नइखे कि चकोह पानिये में होला. उपर आसमानो में चकोह मिलेला आ ओह चकोह से सगरी पायलट डेरालें. काहे कि सभका मालूम बा कि अगर हवाई जहाज ओह चकोह में फँसि गइल त ओकरा के बचावल निकालल बहुत मुश्किल काम हो जाला. आसमान वाला एह चकोह के एयर टरबुलेंस कहल जाला. आ बँड़ेरा शब्द के उलटा बँड़ेरी होला. अब शहर का मकानन में रहे वाला बँड़ेरी का जनिहें. ई त उहे जनिहें जे पलानी देखले होखीहें, छवले होखीहें. बाकिर बँड़ेरी के चरचा अगिला बेर.
जनीहें आ जनिहें…जानल आ जनल…बन्हिआ…