पप्पू बनि के जीयल आसान ना होखे. ओकरा खातिर बहुते तेज दिमाग राखे के होला. अइसन अइसन बाति सोचे-कहे के पड़ेला जे दोसर केहू सपनो में ना सोच सके. बाकिर पप्पू के दुर्भाग्य कि ऊ इटालियन महतारी का पेट से बाकिर हिन्दुस्तान में जनमल. ओह घरी के कहो ओकरा कई बरीस बाद ले ओकर महतारी इटली के नागरिक बनल रह गइल रही. ऊ त जब राजीव गाँधी के राजनीति में अइला का बाद जरूरी हो गइल तब जा के हिन्दुस्तान के नागरिकता लिहली. इटली के नागरिकता शायद आजु ले नइखी छोड़ले. कहे वाला त इहो कहेलें कि राहुल आ प्रियंको इटलिए के नागरिक ह लोग. इटली में दू गो नागरिकता रखला से कवनो फरक ना पड़े बाकिर हिन्दुस्तान के नियम कायदा एकर मनाही करेले. बाकिर बिलाई का गरदन में घंटी लटकावे के बेंवत केकरा लगे बा. मोदिओ जइसन आदमी चार बरीस में एह लोग के कुछ ना उखाड़ पवलें. ऊ त धन कहीं कि स्वामी जइसन आदमी इनका पीछे अस लागल बा कि एह लोग के चैन से जिए नइखे देत. महतारी बेटा धोखाधड़ी का मामिला में जमानत पर छूटल बा लोग आ कब ई जमानत रद हो जाई कहल ना जा सके. अलग बाति बा कि एगो फोन क के सुप्रीम कोर्ट से जमानत दिआवे के ताकत उनुका गोल का लगे आजुओ मौजूद बा.
खैर हम जहाँ से शुरु कइले रहीं ओहिजे लवटल जाव. सचहूं पप्पू बनि के जीयल आसान ना होखे. ओकरा खातिर अइसन अइसन दरबारी पीडी (पप्पू के पोसुआ कुकुर के नाम, जवन भक्त लोग उनुका सगरी कार्यकर्तन के धर दिहले बाड़ें) होखल चाहीं जे दिन में हूजूर के राति बुझाव त ऊ लोग जोन्ही ले देखे लागे. ऊ गुजरात में मन्दिरे मन्दिर मूड़ी टेके लागसु त पीडी लोग उनुका के जनेऊधारी बरहमन बतावे लागसु. हिन्दू रीति रिवाजन के जानकारी होखीत तब नू जानीत लोग कि जनेऊ खातिर यज्ञोपवीत संस्कार करावे के पड़ेला आ पप्पू के कबो यज्ञोपवीत संस्कार होखला के जानकारी गूगलो बाबा का लगे नइखे. आ गुजरात चुनाव बीतला का बाद फेरु उनुका के जनेऊधारी बरहमन का रुप में देखे के मौका नइखे मिलल केहू के. सावन बीते पर बा बाकिर एको बेर उनुका के शिव आराधना करत नइखे देखल गइल.
आ पप्पू का लगे विज्ञान, भूगोल, इतिहास के जवन जवन जानकारी बा तवन कवनो वैज्ञानिक, भूगोलविद्, आ इतिहासकार का लगे ना भेंटाई. आलू से सोना निकाले, भेल के मोबाइल खरीदे, इस्केप भेलोसिटि ऑफ जुपिटर, गरीबी के मानसिक अवधारणा बतावे के हिम्मत नीमन नीमन जानकार ना कर पइहें.
अगर जे पप्पू के महतारी उनुका के उनुका सुभाव वाला काम करे दिहले रहती त पप्पू के जोड़ के कॉमेडियन भर दुनिया में ना भेंटाइत. कवनो सभा, कवनो महफिल में पप्पू समाँ बान्ह देतें आ लोग के हँसत हँसत पेटबथी होखे लागीत. मजाके मजाक में पप्पू कई बेर नावक के तीरो चला देलें अपने गोल का बारे में ऊ एक बेर कह दिहलें रहलें कि इहो कमाल के गोल ह. हिन्दुस्तान के सबले बड़का गोल होखला का बादो एकरा लगो कवनो नियम तरीका नइखे. हर दू मिनट पर एगो नियम बना लीहल जाला आ अगिले मिनट ओकरा के कबाड़ में फेंकियो दिआला.
आ चलत चलत आखिर में उनुकर एगो भासन सुनवले जात बानी. एह भासन में ऊ आपन मनसा जगजाहिर क दिहले रहलें बाकिर उनुकर महतारी सुनबे ना करसु अपना बेटा के मनसा. जब राहुत कहलें रहलें कि उनुका गोल के कार्यकर्ता अब कहेलें कि बड़ा मजा आवत बा, अइसन मजा पहिले कबो ना मिलल रहुवे. कहलन कि उहो इहे चाहत बाड़न कि एह लोग के हमेशा मजा दिआवत रहसु आ इहे मजा हर हिन्दुस्तानिओ के दीहल चाहत बाड़न.
पप्पू का लगे अपना महतारिओ के इलाज बा. ऊ राजनीति से हटे ना दीहें आ पप्पू अइसन हाल बना दी अपना गोल के कि ऊ राजनीति करहीं जोग ना रहि जाई. आ एही ले ऊ ताबड़तोड़ हर चुनाव, हर बहस हारे के मन बना लिहले बाड़न. भगवान इनका के लमहर उमिर देसु कि ई कांग्रेस के बिलवा देबे के गाँधी बाबा के सपना एक दिन पूरा करा देसु. भलहीं एकरा ला इनका भोर में चार बजे राते के काहे ना जागे के पड़े.