राजीव उपाध्याय के तीन गो कविता

by | Mar 30, 2015 | 0 comments

RajeevUpadhyay
(1)
मन के चाकरी

मन के चाकरी कइनी जीवन सगरी
अब का करीं, हमके अब त बता द।
मन के चाकरी कइनी जीवन सगरी॥

एने.ओने जानी, कुछू ना बुझाला,
हवे ई ओसारा कि ह ई सिवाला।
मन के चाकरी कइनी जीवन सगरी॥

खेत हवे कि बारी, कि गाँव के दुआर,
नदिओ ना जाला, नाहीं घरे के इनार।
मन के चाकरी कइनी जीवन सगरी॥

दिन कब आवेला, सांझ कब जाले,
नाहीं बुझाला, काँहे गईया रम्भाले।
मन के चाकरी कइनी जीवन सगरी॥

जेठ के दुपहरी काँहे, काँहे हो आषाढ़,
कहे ले का शीतिया माघे, कहे का कुआर।
मन के चाकरी कइनी जीवन सगरी॥

(2)
होई जाई सून सब गउवाँ-जवार

छोड़ि के कहां चललऽ घरवा दुवार
होई जाई सून सब गउवाँ-जवार॥

जहाँ जात बाड़, उहाँ कुछू ना भेटाई,
पर बिना तोहरा इहाँ होईहें अकाज॥
जहिया तू कमइब तहिए बस खइब,
सूतब त सूता पड़ी, होइब खराब॥
छोड़ि के कहां चललऽ घरवा दुवार
होई जाई सून सब गउवाँ-जवार॥

जहिया ना खबर आई भइया तोहार,
माई.बाप रोई, भउजी होईहें बेहाल।
अबो त लवटि आवऽ गंगा कछार,
बहुते धइले बा, ईहाँ गउवाँ के ताल॥
छोड़ि के कहां चललऽ घरवा दुवार
होई जाई सून सब गउवाँ-जवार॥

(3)
गवन ले जइहऽ

गवन ले जइहऽ, अबहीं त उमिरिया बावे काँच
दिन कुछु छोड़ि द, सीखे के बावे सब बात॥
गवन ले जइहऽ॥

ससुरा के उँच-नीच अबहीं ना बुझाई
आँगन देखि-देखि मन ललचाई
दिनवा भेजइह बादे, नऊआ के हाथ॥
गवन ले जइहऽ॥

अबहीं ना आवे चुल्हा फूंके हमरा
गोईंठा जराइब कइसे,
अउरी लकड़ी होई बेहाथ॥
गवन ले जइहऽ॥

तोहरी मईया के बात ना बुझाई
अउरी ननदो रिगइहें,
डर बा कि हमसे हो जाई बात बेबात॥
गवन ले जइहऽ॥


संपर्क-सूत्र :

राजीव उपाध्याय,
एम बी ए, पी एच डी (अध्ययनरत)
बाराबाँध, बलिया (उत्तर प्रदेश)

इमेल – rajeevupadhyay@live.in
दूरभाष – 7503628659

Loading

0 Comments

Submit a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 11 गो भामाशाहन से कुल मिला के छह हजार सात सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


संस्तुति

हेल्थ इन्श्योरेंस करे वाला संस्था बहुते बाड़ी सँ बाकिर स्टार हेल्थ एह मामिला में लाजवाब बा, ई हम अपना निजी अनुभव से बतावतानी. अधिका जानकारी ला स्टार हेल्थ से संपर्क करीं.
शेयर ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले जरुरी साधन चार्ट खातिर ट्रेडिंगव्यू
शेयर में डे ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले बढ़िया ब्रोकर आदित्य बिरला मनी
हर शेेयर ट्रेेडर वणिक हैै - WANIK.IN

Categories

चुटपुटिहा

सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


अउरी पढ़ीं
Scroll Up