आजादी क मतलब अराजकता ना !

by | Aug 16, 2015 | 0 comments

– डाॅ. अशोक द्विवेदी

AKDwivedi-Paati

अनेकता मे एकता क उद्घोष करे वाला हमन के महान देश इहाँ क रहनिहार हर नागरिक के हऽ; बाकिर अइसनो ना कि देश के हेठे दबाइ के सबकर अपने आजादी परमुख हो जाय. पहिले राजा जवन मरजी होखे करे बदे सुतंत्र आ निरकुश रहे बाकि अब, लोगन के चुनल -बनावल “ओहदेदार” अपना निज के महत्वाकांक्षा आ तुष्टि खातिर लोगन के भेंड़ा बना के इस्तेमाल करे लागी त बतबढ़ ढेर आगा बढ़ जाई. ई कइसन आजादी कि “मोगैम्बो” के खुश करे खातिर लोग ओकर ‘कारपेट’ बन जाय ? हमहन क कइसन मानसिक गुलामी कि आपन नेता भइला का नाते ओकरा आगा पाछा पोछ डोलाईं आ ओकरा अनेत के आड़ छाँह देईं जा ?

स्वच्छ राजनीति का नाँव प’ “नया आ अनोखा” करे निकलल जब अपना महत्वाकांक्षा आ खुशामद पसन्दी में सीमा लाँघे लागल त का कइल जाव ? हाय रे अधोगति, आज देश के स्वतंत्रता का महापरब पर “भारत /इन्डिया,”, “जयहिन्द” का बजाय अपने नाँव “अरविन्द केजरीवाल”; ऊहो स्कूल का छोट लड़िकन के ऊजर, लाल ड्रेस पहिरा के शब्द का रूप में बइठा के; आजादी खातिर मर मिटे वालन का जगहा अपने के महिमामंडित कइल जाता.

काल्हु महामहिम राष्ट्रपतिजी हमनी के आ देश खातिर प्राण निछावर करे वाला सैनिकन क अभिनंदन क के कहलन कि हमन के अपना मानवी मूल्य आ विरासत बचावे क कोसिस करे के चाही. कहलन कि, “जवन देश अपना अतीत के मूल्य आ आदर्श भुला जाला ऊ अपना भविष्यो क खासियत गँवा देला. आज तमाशा देखी़ं. आज खबर मिलल कि हमनी का प्रदेश मे़ कानपुर में कवनो लड़की के छेड़खानी करत मनचल/मनबढ़ुवन के रोकला पर, फर्ज निभावे वाला फौजी के पीट पीट के हत्या कर दिहल गइल. लोग कह सकेला कि अगर मोगैम्बो आजादी के अपना पक्ष में इस्तेमाल कर सकेला त मनबढ़ लइका काहे ना ? बाकिर ए दूनो घटनन से हमहन क मूल्यन क गिरावट आ पतनशीलता नइखे उजागर होत का ? राजधरम, लोक धरम आ मानव धरम सब सँगही चलेला. यथा राजा तथा प्रजा. आज एह हालत में के केकर अनुसरन करत बा ? साँच त ईहे बा कि हमन के आजादी त मिल गइल बाकि मानसिक गुलामी ना गइल. पोंछ डोलावल जब सोभाव बन जाला त नीक जबून ना बुझाला. आजादी मिलल ,अधिकार मिलल बाकि ओकर इस्तेमाल करे क लूर सहूर ना आइल.

अगर शक्ति आ सत्ताकेन्द्रित राजनीति भइल त ओकर फायदा उठावे वाला जमातो बढ़ल. स्वछंदता करे खातिर सरक्षन मिलल; बाकि एकर तिरस्कार आ बहिस्कार कइला का साथ साथ हमनियो के ई ठीक से रट लेबे के चाहीं कि स्वतंत्रता क माने स्वछंद भइल ना ह, आ आजादी क मतलब अराजकता त कत्तई ना हऽ.

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अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 11 गो भामाशाहन से कुल मिला के छह हजार सात सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


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