आखिर में ललकी साड़ी उघार होइए गइल

by | Jan 17, 2015 | 0 comments

RedSariस्पेनिश लेखक जेवियर मोरो के लिखल किताब ‘दि रेड साड़ी’ के पिछला सरकार का जमाना में कांग्रस भारत में प्रकाशित ना होखे दिहलसि. सोनिया गाँधी के जीवन के कहानी के नाटक का तरह लिखल एह बयान का बारे में लेखक के दावा बा कि किताब में लिखल सगरी बात सचाई पर आधारित बा. बाकिर कांग्रेस ना चाहत रहुवे कि लोग के सोनिया गाँधी के बारे में सचाई के जानकारी होखो तबहिए शायद एह किताब के अतना तगड़ा विरोध भइल कि लेखक महीनो आपन ई मेल खोले के हिम्मत ना कर पवलें कि पता ना कवन कवन धमकी उनकर इन्तजार करत होखी.

स्वाभाविक बा कि एह पृष्ठभूमि में ओह किताब का बारे में जाने के रुचि अधिका लोग के हो जाई आ लोग ओह किताब के एक बेर पढ़ल जरूर चाही कि आखिर ललकी साड़ी का पीछे कवन बाति बा जे ओकर अतना जोरदार विरोध भइल रहे. कांग्रेसी लोग स्पेनिश दूतावास का सोझा प्रदर्शन कइले रहन कि किताब छपे मत दिहल जाव.

एगो संवाददाता से बतियावत जेवियर मोरो कहलन कि पता ना काहे कांग्रेसी सोनिया गाँधी के रोबोट बनावे पर लागल रहेलें. सभे ई साबित करे में लागल बा कि सोनिया हिन्दुस्तानी हई. लोग साँच बात के झूठियावे में लागल बावे. मानल जाव कि ऊ हिन्दुस्तान पर राज करत रहली बाकिर रहली त आखिर इटालियने आ इटालियने रहबो करीहें.

सबले खास बात ई बा कि लेखक सोनिया के प्रशंसक हउवन आ सगरी बात तथ्य पर लिखले बाड़न. साँच बा कि शादी का बेरा सोनिया के बाप कहले रहलन कि तोरा के बाघ के खिया दीहें स. सोनिया कवनो राजघराना के राजकुमारी ना होके एगो साधारण इटालवी परिवार के लड़की रहली जे एयर होस्टेस बने के सपना देखले रही बाकिर बन गइली हिन्दुस्तान के शासक.

मोरो बतवलन कि कांग्रेसियन के सबले बेसी विरोध रहल एह बात पर कि इमरजेन्सी का दौरान ऊ राजीव आ अपना बेटा बेटी समेत देश छोड़ देबे के चाहत रहली. एक जगह एगो काल्पनिक बातचीत के चरचा बा जहाँ इन्दिरा गाँधी के मौत का बाद जब राजीव पीएम बनलन त सोनिया पूछत बारी कि ‘ई का करत बाड़ऽ.’ मोरो के डर बा कि कहीं उनकरो हाल स्पेनिश लेखक सलमान रश्दी जइसन मत हो जाव. बाकिर उनका इहो भरोसा बा कि हिन्दुस्तान लोकतांत्रिक देश ह. कहलन कि चार्ली हेब्दो प्रकरण का बाद कवनो किताब के विरोध ओह देश आ ओकरा सगरी प्रणाली ला नुकसानदेह साबित होखी.

कहलन कि सोनिया के एगो व्यक्ति का रूप में पसन्द करेलें बाकिर ओकरा के ना कर सकसु जवन सोनिया उनका किताब साथे कइली.

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(3)


24 जून 2023
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सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
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सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


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