मुंबई के कांदिवली पूर्व स्थित बसरा स्टूडियो में भोजपुरी फिल्म ‘लागी नाहीं छुटे रामा’ की आखिरी शैड्यूल की शू्टिंग चल रही थी. मशहुर निर्देशक जगदीश शर्मा उर्फ मुन्ना भाई की इस फिल्म की शूटिंग कवर करने हम पहुंचे थे. सेट पर फिल्म के मुख्य कलाकार पवन सिंह और काव्या के उपर एक बेडरुम सीन फिल्माया जा रहा था. जहां काव्या पवन सिंह के साथ ही अपना जीवन व्यतित करने की बात कर रही थी. बात हमारी समझ में नहीं आई तो सीन पूरा होते ही हमने निर्देशक जगदीश शर्मा से इस दृश्य के बारे में पुछा तो जो बातचीत हुई वह यह कि :
दरअसल फिल्म में पवन सिंह और नायिका काव्या की शादी टूटने के कगार पर है और यही सीन फिल्माया जा रहा है. दोनो इस सीन में अपनी शादी बचाने की जद्दोजहद मे जुटे हैं. क्योकि अगली सुबह काव्या के पिता अदालत में इनके तलाक की अर्जी देने वाले हैं. जगदीश शर्मा से जब हमने यूंही पूछ लिया कि जब तलाक ही कराना था तो फिर दोनो की शादी क्यो कराई गयी. तब जगदीश शर्मा ने बताया कि दोनो में कुछ गलतफहमी हो जाती है. दरअसल राजा (पवन सिंह) गांव का एक सीधा साधा लड़का है जिसकी शादी एक ऐसी लड़की से कराने का प्रयास किया जा रहा है जिसे वह नहीं पसंद करता है. वह शादी के दिन ही मंडप से भाग जाता है. भागकर मुबई पहुंच जाता है. जहां शहर के बेहद अमीर शख्स सिंहानिया (कुणाल सिंह) की बेटी राधिका (काव्या) की शादी का मंडप लगा है. यहां कुछ ऐसा घटनाक्रम होता है कि राजा को ही राधिका का दुल्हा समझ कर मंडप में बैठा दिया जाता है. इनकी शादी होने के बाद सिंहानिया को पता चलता है कि उनकी बेटी की शादी किसी दुसरे लड़के के साथ कर दी गयी है. जो बिहार का रहने वाला बेहद गँवार लड़का है. सिंहानिया इस शादी को स्वीकार नहीं करते है और दोनो के बीच तलाक करवाने की सोच लेते हैं. चुंकि तलाक की प्रक्रिया में कुछ दिन वक्त लगता है और इसी बीच राजा और राधिका एक दुसरे को सच्चे दिल से प्यार करने लगते हैं. नतीजा राधिका राजा को ही अपना पति मान लेती है और उसके साथ ही अपना जीवन व्यतीत करने की ठान लेती है. मगर सिंहानिया भी अपने फैसले पर अडिग हैं. अब आखिर में क्या होता है यह तो पर्दे पर ही देखने पर पता चलता है.
आपको बता दूं कि निर्देशक जगदीश शर्मा अपनी फिल्मों में किरदारों को गढ़ते समय इस बात का खास ख्याल रखते हैं कि उन्हे दर्शकों के बीच प्रतिष्ठा और सम्मान भी मिले. उनकी फिल्मों के नायक और नायिका जहां अपने किरदारों में भेद नहीं करते वहीं खल-किरदार बच्चों के साथ फिल्म देखते समय झेंप या शर्म नहीं महसूस होने देते हैं. अपनी इस नयी फिल्म में भी जगदीश शर्मा ने काफी कुछ नया दिखाने का साहस किया है जो भोजपुरी सिनेमा के निर्धारित फ्रेम से काफी कुछ अलग है. फिल्म के गानो में आपको सही स्टेप्स देखने को मिलेंगे और भावपूर्ण दृश्यो में आपको कच्चापन की झलक नहीं दिखेगी.
जगदीश शर्मा को अपनी फिल्मों में भव्यता पसंद है और उन्हे उल्लेखनीय कामों के लिये ही जाना भी जाता है. ‘लागी नाही छुटे रामा’ के प्रस्तुतकर्ता हैं आशु निहलानी और राज लालचंदानी. इस फिल्म का निर्माण क्राउन फिल्म्स और जगदीश शर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले किया जा रहा है.
(शशिकांत सिंह)
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