बतकुच्चन – ७०

by | Jul 31, 2012 | 0 comments


लस्टम पस्टम में दिहल ज्योति जी के सवाल पर कुछ कहे से पहिले एक बात साफ कर दिहल जरूरी लागत बा. हम ना त भाषा शास्त्री हईं ना भाषा वैज्ञानिक. हम त बस नाच के लबार हईं, सर्कस के जोकर हईं, रमी के पपलू हईं. शब्दन से खिलवाड़ करत बतकुच्चन करत रहीलें. गाईड फिलिम के देवानंद का तरह हमरा के ठोक पीट के स्वामी बनवला के जरूरत नइखे. भाषा के विद्वान लोग हमरा पीछे लट्ठ ले के पड़ो एहले पहिले आपन असलियत दोहरावल जरूरी लागल. सुनले बानी कि बढ़िया डाक्टर भा बढ़िया वकील किताब के सहारा लेत रहेला से हमहूं कुछ एने से कुछ ओने से पढ़त रहीलें, सवाल के जवाब खोजत रहीलें. भोजपुरी त कबो पढ़ावले ना गइल, हिन्दीओ से इंटर का बाद भेंट ना भइल. बाकिर भाषा से प्रेम ह से भाषा का सेवा में लागल रहीलें. अब लवटल जाव ओह सवाल पर कि कहावतन के छूरी तरकारी पर काहे गिरल कि अतना कहावत तरकारी वगैरह पर बन गइल. सब तरकारी के किस्मत ह ज्योति जी. छूरी तरकारी पर गिरे भा तरकारी छूरी पर, कटे के त तरकरिए के बा. गरीब के जोरू गाँव भर के भउजाई होले. बड़ जीउ बतियवले छोट जीउ लतियवले कहावत समाज के मानसिकता देखावेला. अधिकतर कहावत में कमजोरे निशान पर रहेलें आ उनके बहाने समाज के अनुभव हकीकत सामने आवत रहेला. कहावत कहे वाला निमना घरे बायन ना देव. जानेला कि भर पेट भेंटा जाई. बाकिर कमजोरका त हिंहिंया के रहि जाई. रजुआ राजू राजा सेठ. गरीबी पार्वतिओ के परबतिया बना देले. से कहावत अकसरहाँ कमजोरे के निशाना बनावत आइल बा. ई सब बतियावत में जानल जरूरी लागल कि कहावत होला का. जाने के कोशिश कइनी त पता चलल कि कहावत माने कि जवन कहात आवत बा आ एही से कहावत बनल. कहावत अपना आप में पूरा होला. कहावतन में समष्टि के अनुभव सूक्ति का मार्फत सामने आवेला. गागर में सागर का तरह. कहावतन के मकसद होला व्यंग का सहारे हकीकत के बयान. कहियो जाईं आ कहबो ना करीं. व्याकरणाचार्य लोग कहावत के लोकोक्ति का वर्ग में राखेला जहाँ कहावत, मुहावरा, बुझौवल, बाल गीत वगैरह बहुत कुछ आवेला जवन लोग कहत आइल बा. एक मुट्ठी लाई महाबीर पर छिटाई बरखा ओनिए बिलाई भा एक मुट्ठी सरसो भदर भदर बरसो जइसन लोकोक्ति के कवनो मतलब ना होखे. एहसे ई सब कहावतन में शामिल ना भइल. लोकोक्ति में त शामिल हो गइल बाकिर कहावत में ना. बूझवउल त सवाल भर होला जवना के जवाब सामने वाला के देबे के होला. उहो कहावत ना बनली सँ. बाचल मुहावरा त कई बेर गलती से लोग मुहावरो के कहावते में जोड़ देला बाकिर मुहावरा कहावत का बरोबरी में कबो ना आ सके. कहाँ राजा भोज कहाँ गंगुआ तेली. मुहावरा आधा अधूरा होला ओकरा के जबले कवनो वाक्य में इस्तेमाल ना कइल जाव तबले ओकर मतलब साफ ना हो सके बाकिर कहावत स्वतंत्र होलें. अपने से सब कुछ कह जालें. आ एह साफगोई के आधार रहेला कहावतन का पीछे समाज के लमहर अनुभव. बिना हवा के पीपर डोले बिना बोलवले बरुआ बोले ओही अनुभव के देखावेला. समाज के अनुभव जब कवनो सूक्ति वाक्य में समाहित हो जाव त ऊ कहावत बन जाले. हँ सगरी कहावत व्यंग ना होली सँ बाकिर अधिकतर कहावत में व्यंग जरूर रहेला. बाप के नाम साग पात बेटा के परोरा अइसने व्यंग देखावेला जब केहु अपना के बढ़ चढ़ के देखावे बतावे के कोशिश करेला. आ हम अपना के परोरा में शामिल ना करीं. साग पात हईं सागे पात रहे दीं ज्योति जी. पाँय लागत बानी, चले के आदेश दीं.

Loading

0 Comments

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

संस्तुति

हेल्थ इन्श्योरेंस करे वाला संस्था बहुते बाड़ी सँ बाकिर स्टार हेल्थ एह मामिला में लाजवाब बा, ई हम अपना निजी अनुभव से बतावतानी. अधिका जानकारी ला स्टार हेल्थ से संपर्क करीं.
शेयर ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले जरुरी साधन चार्ट खातिर ट्रेडिंगव्यू
शेयर में डे ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले बढ़िया ब्रोकर आदित्य बिरला मनी
हर शेेयर ट्रेेडर वणिक हैै - WANIK.IN

अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)


18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


अँजोरिया के फेसबुक पन्ना

Categories

चुटपुटिहा

सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


अउरी पढ़ीं
Scroll Up