बतकुच्चन – ३१

by | Oct 19, 2011 | 1 comment


आजु जब बतकुच्चन लिखे बइठनी त सोचले रहीं कि आजु तेहो आ तेहा वाली बाति के तहियाएब जहाँ पिछला हफ्ता छोड़ले रहनी. तले चालू टीवी से कान में आवाज आइल कुछ तेहो लोग के, जे एह बाति पर तेहाइल बा कि देश में दोसरा केहू के महात्मा काहे कहल जा रहल बा. अब महात्मा शब्द के महातम ऊ लोग जानत नइखे भा जानल नइखे चाहत. कहत बा लोग कि देश में जब एगो महात्मा बाड़न त दोसर केहू कइसे महात्मा बनि जाई. साफ बाति बा कि एह लोग के सोच संकुचित बा. अरे भाई, बन जाये द लोग देश के महात्मन के देश. भगवान करे कि एहिजा “हर बाला सीता की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम हो” वाली स्थिति विकसित हो जाय आ हर भारतीय महात्मा कहाये लायक हो जाव. बाकिर बतकुच्चन करे वाला त एहू पर सवाल उठावे लगीहें कि ए महाराज का कहत बानी ? हर लड़िकी सीता आ हर लड़िका राम हो जाव त पूरा देश में लवेरिया ना पसरि जाई !

बाति फेरु घूम फिर के ओहिजे आ जाई कि शब्द के रूढ़ बना दिहल जाव. महात्मा शब्द गाँधी जी के ट्रेडमार्क बना दिहल जाव आ दोसर केहू ई ट्रेडमार्क लगा के आपन विचार मत बेचि पसार सको. बाकिर ना त महात्मा गाँधी देश के पहिलका महात्मा रहलन ना आखिरी होखीहन. उनुका से पहिलहु लोग महात्मा होत आ कहात आइल बा आ आगहु नया नया लोग अपना महातम से महात्मा कहाये के योग्यता पावत रही. अनगिन महात्मा हो गइलो पर महात्मा जी के महातम नइखे कम होखे वाला. एह बाति पर केहू के तेहो बनला भा तेहा करे के जरुरत नइखे. तेहो मतलब खिसियाइल आदमी आ तेहा मतलब खीस, रारि, घमंड.

महातम शब्द से महात्मा बनल. जेकरे लगे महातम होखी ओकरे के महात्मा कहल जा सकेला. कहे वाला लोग कहबे करी. ई देश त साधू महात्मन से भरल बा. अब महात्मा केहू के व्यंग में भा खराब ढंग से ना कहल जाला जइसे कि महापात्र के. महापात्र जनोपयोग में महापातर भा महपातर बनि गइल. कुछ कुछ एह चलते कि महापात्रन के कुछ खास मौकन पर दान दिहल जाला आ ऊ खास मौका अक्सर शोक के होला. दुखो का बेरा जे अपना दान खातिर देबे वाला के खटिया खाड़ कर देव ओकरा के महापात्र ना कहिके लोग महापातर कहे लागल. पातर मतलब दुबर, अशक्त, कमजोर भा हेय. बाकिर महापातर कतना अशक्त होलें ऊ त उहे जनले बा जेकरा एकनी से पाला पड़ल बा. आ अबही त दुर्गापूजा खतमे भइल बा, पाला पड़े में त कई महीना देर बा. पता ना तबले हमनी के कई बेर भेंट घाँट हो जाई.

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1 Comment

  1. चंदन कुमार मिश्र

    महात्मा बुद्ध, महात्मा फूले कई गो महात्मा भइल बा लोग…आगहूँ होई लोग…

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अँजोरिया के भामाशाह

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पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


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(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


पूरा सूची


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सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


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