केशव के गजल

by | Jan 25, 2013 | 4 comments

keshav-mohan-pandey

– केशव मोहन पाण्डेय

(1)

ग़ज़ल

खुशहाल जिनगी भी जहर हो जाला।
दिल के दुआ जब बेअसर हो जाला।।

लाख जतन कइला पर भी मिले ना मंजिल,
डगमगात कदम जब कुडगर हो जाला।।

सुन्न अंखियन से छलक जाला समुन्दर,
हिया में याद के जब कहर हो जाला।।

झोहे केतनो अन्हरिया साँझ के बेरा त का,
उजास होइए जाला जब सहर हो जाला।।

गरूर केतनो करे केहू मातल जवानी पर,
एक दिन उमीरिया के असर हो जाला।।

जिनगी में आवेला अइसन ठाँव कई,
सगरो जिनगिया ओही के नज़र हो जाला।।

2

ग़ज़ल

कतहूँ लइकन के लोरी सुनावे केहू।
याद बन अचके अंखियन में आवे केहू।।

नेह अइसन कहाँ जग में दोसर मिली,
ठंडा माड़-भात फूँक के खिआवे केहू।

कसूर कवनो होखे, ढाँप लेस अँचरा तरे,
माई से आ के जब ओरहन सुनावे केहू।

गुजार देहनी जिनगी के उमीर एतना,
अपना सामने तबो लइके बतावे केहू।

लपट फइलल बा सगरो जहां में अगर,
एकाध बूंद से केतना बुतावे केहू।

चेहरे के किताब पढ़ समझ जाए जे,
ओसे कइसे दोसर बहाना बनावे केहू।।


तमकुही रोड, सेवरही, कुशीनगर, उ. प्र. के केशव मोहन पाण्डेय, एम.ए.(हिंदी), बी. एड.हउवन. जुलाई 2002 से मई 2009 ले एगो साहित्यिक संस्था ‘संवाद’ के संचालन कइलन, अलग अलग मंच ला दर्जनो नाटक लिखले आ निर्देशित कइले, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान आ अउरी पत्र-पत्रिकन में डेढ़ सौ से अधिका लेख, आधा दर्जन कहानी, आ अनेके कविता प्रकाशित. आकाशवाणी गोरखपुर से कईगो कहानियन के प्रसारण, टेली फिल्म औलाद समेत भोजपुरी फिलिम ‘कब आई डोलिया कहार’ के लेखन-निर्देशन, अनेके अलबमन ला हिंदी, भोजपुरी गीत रचना. साल 2002 से शिक्षण में लागल आ अब दिल्ली में बिरला एड्यूटेक में हिंदी पाठ्यक्रम के निर्माण आ स्वतंत्र लेखन.

संपर्क – kmpandey76@gmail.com

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4 Comments

  1. dc pandey

    bahut sundar bhojpuri gajal.sabdan ke atna sundr aur stik pryog sahi me ttariphekabil ba. dhanybad.

  2. Keshav Mohan Pandey

    पाण्डेय जी,
    नमस्कार!
    आपके आशीष पढ़ के मन गदगद हो गइल।
    शुरुआत के लाइन बड़ा ऊँचा बा, – – हमरा के इतना बोझ से मत दाबी।
    हिम्म्त बढ़ावला खातिर धन्यवाद!

  3. amritanshuom

    Bahut niman kavita ba .

  4. प्रभाकर पाण्डेय

    श्री श्री श्री 1008 श्री गजलकार माननीय केशवानंद जी महराज हार्दिक बधाई स्वीकार करीं…देसज सब्दन के अनूठा परयोग करत राउर गजल दिल की करीब ना दिल में अउर दिल से बा।। बहुत-बहुत बधाई।।

    हम त पूरा गँवई हईं..अउर हे लाइनन पर त फिदा बानी हम—-
    नेह अइसन कहाँ जग में दोसर मिली,
    ठंडा माड़-भात फूँक के खिआवे केहू।

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अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 11 गो भामाशाहन से कुल मिला के छह हजार सात सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)
अनुपलब्ध
18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया

(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(11)

24 अप्रैल 2024
सौरभ पाण्डेय जी
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


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सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


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