– अशोक द्विवेदी
कोइला में हीरा हेराइल
कुफुत में जिनिगिया ओराइल
बलमु तोहें कुछ ना बुझाइल !!
असरा के ढेंढ़ी तनिक ना गोटाइल
बनउर से सपनन क फूल बिधुनाइल
करजा क सूद गढ़ुआइल
बलमु तोहें कुछ ना बुझाइल !!
अबहीं ले अँगरेजी भूत असवार बा
कहे बदे हमनी के इहाँ सरकार बा
नेति बा अनेत में हेराइल
बलमु तोहें कुछ ना बुझाइल !!
कउवन के मान जान, हंस लखेदाइल
नीर-छीर पोखर क सोत बा सुखाइल
बेमसरफ घास बढ़ियाइल
बलमु तोहें कुछ ना बुझाइल !!
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